गोंदिया. चिचगढ़ ग्राम पंचायत अंतर्गत मोतीधाबा-देवरी मार्ग पर ग्राम पंचायत की मालकीय शासकीय जगह पर एक माह से अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य के लिए क्रांक्रीट के कॉलम भी खड़े कर दिए गए है और दिन दहाडे यह काम किया जा रहा है. इसके बावजूद अतिक्रमणकारी पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं किए जाने से कहीं ग्राम पंचायत का अतिक्रमणकर्ता को संरक्षण तो प्राप्त नहीं है? ऐसा सवाल अब चिचगढ़ के ग्रामीण कर रहे है. इस संबंध में चिचगढ़ की सरपंच भाग्यश्री भोयर से पूछताछ करने पर उन्होंने इस विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इंकार कर दिया. जब उनसे यह पुछा गया कि इस अतिक्रमण को ग्राम पंचायत के रिकार्ड में अतिक्रमणकर्ता के नाम पर कैसे दर्ज किया गया? और उसे मकान टैक्स की रसीद कैसे दे गई? जो नाम रिकार्ड पर चढ़ाया गया है वह 10 से 15 वर्ष पूर्व चढ़ाए जाने की गांव में चर्चा है, जबकि सरपंच के अलावा कोई भी ग्राम पंचायत रिकार्ड में अतिक्रमण की भूमि पर किसी का नाम दर्ज नहीं करा सकता है. इस सारे सवालों के जवाब में उन्होंने किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इंकार कर दिया. इससे अब यह सवाल उपस्थित हो रहा है कि जब सरपंच को इस विषय में कोई जानकारी नहीं है, तो फिर आखिर गांव कामकाज कौन संभाल रहा है. गौरतलब है कि चिचगढ़ ग्राम पंचायत परिसर की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है और इस ग्राम पंचायत में यदि इस तरह का बोगस कामकाज चलेगा तो गांव का विका कैसे होगा.
मुझे जानकारी नहीं
चिचगढ़ ग्राम पंचायत अंतर्गत मोतीधाबा-देवरी मार्ग पर शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य करने के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है और न ही इस संबंध में मुझे ग्रामीणों से कोई लिखित अथवा मौखिक शिकायत मिली है. शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
भाग्यश्री भोयर, सरपंच, ग्राम पंचायत चिचगढ़
नियमानुसार दर्ज किया गया नाम
अतिक्रमणकारी के पास वर्ष 2005 से उक्त जमीन की ई-पंजी है. जिसके आधार पर अतिक्रमण के रिकार्ड में उसका नाम ग्रामसभा की सर्वसम्मती से नियमानुसार दर्ज किया गया है.
एन.डी. धुर्वे, ग्राम सचिव, ग्राम पंचायत चिचगढ़