गोंदिया. भारत एक कृषि प्रधान देश है. क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है, इसलिए देश के अधिकांश लोग भी कृषि पर निर्भर हैं. अगर देश को सचमुच विश्व महाशक्ति बनना है तो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा. इसके लिए किसानों को कृषि को केंद्र मानकर बड़े उद्यमी बनना होगा, ऐसी अपील जिलाधीश चिन्मय गोतमारे ने की है.
कृषि विज्ञान केंद्र, महिला आर्थिक विकास महामंडल (माविम) और फोरेश इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पुणे ने कृषि विज्ञान केंद्र हीवारा में आदिवासी उपयोजना (टीएसपी) के तहत ” वॅल्यू चेन मॅनेजमेंट व हल्दी निर्यात” पर एक दिवसीय “जागरूकता कार्यशाला” ली गई. इस अवसर पर पंजाबराव कृषि विश्वविद्यालय अकोला के नियंत्रक डा. प्रमोद पाटिल, नाबार्ड के जिला व्यवस्थापक अविनाश लाड, माविम के जिला समन्वय अधिकारी संजय सांगेकर, आत्मा के प्रकल्प संचालक अजीत अडसुले, हुजेफा कपाड़िया और अजीज बेटमावाला, कृषक वैज्ञानिक मंच अध्यक्ष महेंद्र ठाकुर, सह अध्यक्ष प्रवीण कुमार चौधरी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सैयद शाकिर अली, डा. विजयकुमार कोरे, विशाल उबरहंडे, मनोज भोमटे, डा. कल्याणी सरप उपस्थित थे. तकनीकी सत्र के दौरान सभी वैज्ञानिकों व गणमान्य व्यक्तियों द्वारा अनुभवों का आदान-प्रदान किया गया तथा विभिन्न प्रश्नों का समाधान किया गया. कुल 2 टन हल्दी के निर्यात के लिए MAVIM और FPO के 5 अलग-अलग समूहों को 2 लाख 80 हजार के चेक गणमान्य व्यक्तियों द्वारा वितरित किए गए. चेक पाकर सभी महिला किसान, एफपीओ, एसएचजी और किसान वैज्ञानिक मंच के सदस्य बहुत खुश हुए और केवीके गोंदिया द्वारा की गई पहल की सराहना की. संचालन डा. विजयकुमार कोरे ने किया व आभार गणेश खेडीकर ने माना.
कृषि को केंद्र मानकर बनें बड़े उद्यमी : चिन्मय गोतमारे
RELATED ARTICLES