गोंदिया में आदिवासी एकजुट : मणिपुर घटना पर आक्रामक
गोंदिया. 3 मई 2023 को मणिपुर राज्य में आदिवासी महिलाओं के खिलाफ हिंसा, मध्य प्रदेश राज्य में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना सामने आई. साथ ही आदिवासियों पर अन्याय और अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं. लेकिन केंद्र सरकार इन सबके खिलाफ चुप है. केंद्र की सरकार आदिवासियों और पिछड़े वर्गों पर अत्याचार और अन्याय कर रही है. इसके खिलाफ गोंदिया के इतिहास में पहली बार आदिवासी संगठनों ने आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर शहर में विरोध रैली निकाली. यह पहली बार था कि इतने बड़े पैमाने पर कोई गैर-राजनीतिक मार्च निकाला गया. इस समय केंद्र सरकार के खिलाफ घोषणाएं की गईं. शाम को मरारटोली में महापंचायत हुई.
आदिवासी समाज भारत का मूल समाज है. लेकिन इस समाज के साथ लगातार अन्याय और उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं. इसके अलावा पिछले तीन महीनों से मणिपुर में आदिवासियों पर अनोखे अत्याचार हो रहे हैं. एक आदिवासी महिला के साथ मारपीट की गई. मध्यप्रदेश में भी एक भाजपा पदाधिकारी ने एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब कर दिया. लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसलिए आदिवासियों पर अत्याचार करने वालों की हिम्मत बढ़ती जा रही है. इन सबके और केंद्र सरकार के विरोध में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी कृति समिति की ओर से शहर की मुख्य सड़कों पर विरोध मार्च निकाला गया. इस मार्च में जिले भर से आदिवासी बांधव जुटे थे. यह पहली बार है जब शहर ने इस तरह का मार्च देखा है. इस समय केंद्र सरकार के खिलाफ घोषणाएं की गईं. मणिपुर में हालात सुधारने और आरोपियों को कड़ी सजा देने की भी मांग की गई. इस दौरान जिलाधीश को मांगों का ज्ञापन दिया गया. शाम को मरारटोली में महापंचायत हुई. मार्च में नेशनल आदिवासी पीपल्स फेडरेशन संगठन के अध्यक्ष करण टेकाम, राजकुमार हिवारे, राजकुमार पुराम, प्रमिला सिहामे, दुर्गाप्रसाद कोकोडे, वाई.सी. भोयर, अनिल वहिले, संगीता पुसाम, डिलेश्वरी मरस्कोल्हे, ललिता ताराम, पी.बी. टेकाम, चेतन उइके, मुरारी पंधरे, किशोर पेंदाम, राजकुमार गेडाम, रजनी कुंभरे, ममता वाढवे, विजय उइके, अजय कोटेवार, धनराज तुमडाम, विनोद पंधरे, शेखर वाढवे, सुरेश परतेती आदि उपस्थित थे.
केंद्र सरकार के खिलाफ गूंज उठे नारे
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