उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को सौंपा पत्र
गोंदिया / भंडारा : केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के सीजन में न्यूनतम मूल्य धान खरीदी योजनान्तर्गत मंजूर धान खरीदी में की गई कटौती में बदलाव कर 3 प्रतिशत की कटौती को मंजूर करने के मामले पर राज्य के पूर्व मंत्री डॉ. परिणय फुके ने आज भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल तथा राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र देकर उचित स्तर पर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व मंत्री डॉ. परिणय फुके ने केंद्रीय मंत्री श्री गोयल एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पत्र के माध्यम से ध्यानकेन्द्रित किया कि खरीप एवं रबी मौसम 2022-23 में सब एजेंट संस्था मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से 5 जिलों, भंडारा, गोंदिया, चन्द्रपुर, गढ़चिरौली एवं नागपुर में वर्ष 2000- 2001 से धान खरीदी की जा रही है।
वर्ष 2022-23 में खरीफ व रबी सीजन में धान खरीदी को लेकर सरकार द्वारा दी गई बेहद दमनकारी शर्तों के कारण इसके समाधान के लिए नागपुर विभागीय आधारभूत धान खरीदी फेडरेशन ने निवेदन द्वारा अनुरोध किया है।
शासन की ओर से वर्ष 2002 से 2011-12 तक राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा 2 प्रतिशत की कटौती स्वीकृत की गयी थी। वर्ष 2012-13 से राज्य सरकार ने 1 प्रतिशत की कटौती देना बंद कर दिया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 से 2021-2022 तक 1 प्रतिशत की कटौती मिल रही थी.
साथ ही मार्केटिंग फेडरेशन ने 21/4/2023 को पत्र भेजा है कि खरीप सीजन 2022-23 के सीजन में गणना आधा प्रतिशत (500 ग्राम) की जाएगी। जिले की सभी 5 सब एजेंट सहकारी समितियों ने शासन की ओर से दिनांक 1/10/2022 से 28/2/2023 तक धान खरीदी की है। धान खरीदी केंद्र शुरू करने के पूर्व (500 ग्राम) आधा प्रतिशत कटौती के संबंध में कोई पत्र या निर्देश नहीं दिया गया।
उन्होंने लिखा, 21/4/2023 तक 60 से 80 प्रतिशत धान का स्टॉक शिपमेंट के लिए उठा लिया गया है और खरीप सीजन का धान का स्टॉक पिछले 5 महीने से गोदाम में पड़ा हुआ है। भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, नागपुर जिलों में अत्यधिक तापमान के कारण धान के भंडारण में प्राकृतिक गिरावट 2 प्रतिशत से अधिक है, जबकि अब तक खरीदे गए धान के स्टॉक को थोक में नहीं उठाया जा सका है। फुके ने कहा, खरीदी के दौरान मार्केटिंग फेडरेशन 500 ग्राम (आधा प्रतिशत) की कमी की गणना करेगा, इसलिए धान खरीदने वाली संस्था की ओर से खरीद मूल्य का डेढ़ गुना की कमी की राशि वसूल करने पर बड़ा अन्याय व नुकसान हो रहा। ये अन्याय रुके व संस्था का नुकसान न हो इस दृष्टि से 3 प्रतिशत की कमी मंजूर करने पर सरकार ने उचित कदम उठाना चाहिए। संस्था को नुकसान न हो इस हेतु सत्र 2022-23 के लिए न्यूनतम आधार मूल्य खरीद योजना के तहत धान की खरीद के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत कटौती में परिवर्तन के संबंध में अपने स्तर से उचित कार्रवाई की जाए।
केंद्र सरकार, धान खरीदी योजना में बदलाव कर 3 प्रतिशत की कटौती मंजूर करें : पूर्व मंत्री डॉ. फुके
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