Wednesday, October 30, 2024
Google search engine
HomeUncategorizedगोंदिया: स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग को लेकर शीतकालीन सत्र के पहले...

गोंदिया: स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग को लेकर शीतकालीन सत्र के पहले दिन कल 19 दिसंबर को “हल्लाबोल आंदोलन”

 

गोंदिया:- विदर्भ राज्य आंदोलन समिति गोंदिया ने विदर्भ पर निरंतर हो रहे अन्याय के खिलाफ तथा स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग को लेकर 19 दिसंबर को विधानमंडल शीतकालीन सत्र के दौरान “हल्लाबोल आंदोलन” मोर्चा गोंदिया तथा विदर्भ के अन्य जिलों से नगप्यूर के लिए रवाना हो रहा है। इस विषय पर विदर्भ राज्य आंदोलन समिति कार्यकर्ताओं की एक आवश्यक चर्चा बैठक स्थानीय विश्राम गृह में जिला समन्वयक अतुल सतदेवे इनकी अध्यक्षता में ली गयी। जिला समन्वयक अतुल सतदेवे सहित शहर प्रमुख वसंत गवली, भोजराज ठाकरे, गुलाबराव गेडाम, एस.पी.बोरकर, पी.एन. तल्हार, आई.एन.वंजारी, अशोक उके, सुंदरलाल लिल्हारे और गोंदिया जिले के अन्य विदर्भ प्रेमी सहकारी बंधु उपस्थित थे। मोर्चा कल 19 दिसंबर को सुबह 8 बजे गोंदिया रेलवे स्टेशन पर महाराष्ट्र एक्सप्रेस से रवाना होगा और 19 दिसंबर को नागपुर में हो रहे आंदोलन मार्च में अधिक संख्या में शामिल होने का आवाहन किया गया है.
इस चर्चा बैठक के अवसर पर जानकारी देते हुए जिला समन्वयक अतुल सतदेवे ने निम्न जानकारी दी – विदर्भ राज्य आंदोलन समिति मुख्यालय की बैठक के निर्णय के अनुसार हम स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग को पूरा करने के लिए 2023 के अंत तक “विदर्भ राज्य लेकर रहेंगे” ऐसा संकल्प किया है। कल 19 दिसंबर के दिन आरपार की लड़ाई शुरू होगी और शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विधानमंडल पर “शुरू हुई इस जंग में “लड़ेंगे- जीतेंगे” के नारे के साथ “हल्लाबोल आंदोलन” तेज किया जाएगा। विदर्भ के पक्ष विपक्ष दोनो के वर्तमान 10 सांसदों का इस्तीफा मांगने का प्रयोग विदर्भ की जनता के बीच एक आत्मविश्वास आया है और नई आशा की किरण जागी है। 11 जिले के 120 तालुकों के 10 हजार कार्यकर्ता हल्लाबोल आंदोलन में भाग लेंगे और विधान परिषद पर आंदोलन में ”महाराष्ट्रवादी चले जावो” का ऐलान करेंगे. अगली विधानसभा विदर्भ की होगी न कि महाराष्ट्र की और महाराष्ट्रवादी विदर्भ से निकाले जाएंगे.
महाराष्ट्र राज्य दिवालिया होने की कगार पर है और एमएसआरडीसी ने किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने के लिए 65 हजार करोड़ का कर्ज लिया है. (एमएसआरडीसी) को उठाया जाना है और यह सरकार द्वारा वहन किया जाता है। महाराष्ट्र राज्य, जो पहले से ही 6 लाख 60 हजार करोड़ के कर्ज और देनदारियों के पहाड़ से दबे हुए हैं, कभी भी सक्षम नहीं हो सकता है, इसलिए विदर्भ के लोग 100 साल भी महाराष्ट्र में रहें, उनका बकाया नहीं भरा जा सकता है। इन सभी सवालों का एक ही जवाब है ‘स्वतंत्र राज्य विदर्भ’।
आंदोलन मोर्चा 19 दिसंबर को दोपहर 1 बजे नागपुर के यशवंत स्टेडियम से शुरू होगा और पंचशील चौक-झांसी रानी चौक-विभिन्न चौक-विधान भवन होते हुए आगे बढ़ेगा. विदर्भ के 11 जिलों में इस आंदोलन को विभिन्न पार्टियों और संगठनों का भरपूर समर्थन मिल रहा है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
http://panchyatkhabar.com/wp-content/uploads/2023/03/ad1-e1679401545250.jpg

Most Popular

Recent Comments