मिल्कियत की भुमी पर मकान बनाने के लिए बटालियन बन रही रोडा
ग्रामीणों ने आरोप लगाकर मांगा न्याय
गोंदिया : शासन द्वारा परसवाड़ा की जमीन भारत आरक्षित बटालियन क्रमांक 2 आरक्षित पुलिस बल क्रमांक 15 परसवाड़ा अधिग्रहण कर उक्त जगह को भारत आरक्षित बटालियन के लिए उपलब्ध कराई गई है। लेकिन अब उक्त बटालियन के अधिकारियों द्वारा पट्टेधारकों की मिल्कियत की जगह पर अपना कब्जा बताकर नागरिकों को मकान बनाने में बाधा पहुंचाई जा रही हैं। ऐसा आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों से इस और गंभीरता से ध्यान देकर समस्या हल करने की गुहार लगाई हैं। गौरतलब है कि शासन द्वारा नजदीक के परसवाड़ा सीमा अंतर्गत खुली जमीन भारत बटालियन राज्य आरक्षित दल के लिए उपलब्ध कराई गई है। कुछ वर्षों पूर्व बटालियन की ओर से अपनी सौमा तय कर पत्थर रखे गए। लेकिन इस सीमा में अनेक पट्टेधारक मिल्कियत गुट का समावेश किया गया है। जिससे स्थानीय नागरिकों को उक्त जमीन पर निर्माणकार्य करने पर बटालियन प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। नागरिकों को जुना ग.क्र. 349 व ग.क्र 282/2 जगह पर वर्ष 1980-81 में तत्कालीन तहसीलदार ने मालकी के पट्टे वितरित किए। ऐसा होते हुए भी उक्त मालकीयत की जगह पर निर्माण करने में बटालियन प्रशासन द्वारा बाधा लाई
जा रही हैं। जिससे नागरिकों पर अन्याय हो रहा हैं। नए मकानों का निर्माण नहीं होने से नागरिक जीर्ण मकानों में रहने पर मजबूर हो गए हैं। वहीं पुराने घर अब गिरने की कगार पर पहुंच चुके हैं , नागरिकों को ग्राम पंचायत प्रशासन की ओर से हाल ही में घरकुलों का वितरण कर निर्माण निधि भी दी गई है कुछ कुछ लोगों की निधि भी उनके खाते में जमा भी हो गई , लेकिन भारत बटालियन की ओर से प्रतिबंध
लगाए जाने के कारण नए मकान कैसे बनाए ? यह प्रश्न नागरिकों के सामने निर्माण हो गया है। भारत बटालियन के संबंधित अधिकारीयों ने कुछ माह पुर्व परसवाड़ा के नागरिकों से यह भी कहा कि तुम लोग अपने जमीन का मोजमाप करा लो हमारे हाथ में कुछ नहीं है , लेकिन जब वह लोग अपने ही जमीन पर मकान बनाने जाते हैं तो बटालियन प्रशासन द्वारा उनको मकान बनाने से क्यों रोका जाता है यह सवाल नागरिकों के मन में उठ रहा है । गरीब लोग जैसे तैसे अपना गुजर बसर कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं और पैसा देकर मोजमाप कैसे करें यह सवाल उनके मन में खटक रहा है
जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि द्वारा इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर उनके जगह का मोजमाप कर नागरिकों को न्याय दिया जाए। ऐसी मांग कुसुमलाल भावे, देवीलाल पारधी, शिवनलाल जगने व अन्य नागरिकों ने की है।
ग्राम पंचायत परसवाड़ा द्वारा एसडीओ कार्यालय में ग्राम पंचायत ने 2 से 3 मर्तबा पत्र व्यवहार किया गया लेकिन एसडीओ कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत परसवाड़ा में अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
कु. एस.बी.पारधी, सचिव ग्राम पंचायत परसवाड़ा
• परसवाड़ा के कुछ लाभार्थियों को घरकुल मंजूर हुई हैं। जिसमे नागरिकों के रूपए खाते में जमा भी हुये है. लेकिन भारत बटालियन प्रशासन द्वारा आवास निर्माण पर रोक लगाई जा रही है। जिस कारण मकान निर्माण नहीं कर सकते। एक प्रकार का नागरिको पर अन्याय ही हैं। फिर भी संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन सोया हुआ है। संबंधित विभाग से मांग है कि जल्द से जल्द समस्या हल की जाए।
संतोष हनवते उपसरपंच, परसवाड़ा
यहां हम करीब 30 से 32 वर्षों से निवास कर रहे हैं और हमारी घरकुल भी मंजूर हूई है हमारा मकान पूर्णतःह से जीर्ण अवस्था में है आनेवाली बारीश में मकान हम लोगों पर गिर जायेंगा जिससे बड़ा हादसा हो सकता है । आवास निर्माण करने जा रहे हैं तो बटालियन प्रशासन रोक रहा है । ऐसे में हम जाये तो कहा जाये कोई हमारी पुकार सुनने वाला नहीं है
तुकाराम मोहनू नागपुरे
परसवाड़ा, घरकुल लाभार्थी