पंडितजी को देना पड़ा मुआवजा : राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का फैसला
गोंदिया, ब्यूरो. गोंदिया : शहर के एक परिवार ने ट्रेन के अचानक रद्द हो जाने से हो रही असुविधा को लेकर राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज करायी. इस मामले में आयोग ने परिवार के पक्ष में फैसला देकर रेलवे को झटका दिया. आयोग ने रेलवे विभाग को पूरे परिवार के कपड़े, यात्रा, मानसिक परेशानी और अदालती कार्यवाही के खर्च का भुगतान करने का निर्देश दिया है.
सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित सुरेंद्र शर्मा को उनके पत्नि और दो बेटियों के साथ 24 अगस्त 2022 को मनोहरपुर-जयपुर (राजस्थान) में अखंड रामायणपाठ कार्यक्रम के लिए अपने गृहनगर जाना था और 30 अगस्त 2022 को लौटना था. इसके लिए उसने 19 मई 2022 को पुरी-बीकानेर ट्रेन में टिकट बुक कराया था. इसके अलावा, नए कपड़े और पूजा के लिए आवश्यक अन्य खर्च वहां खर्च किए गए थे. लेकिन रेलवे विभाग ने अचानक 24 से 30 अगस्त तक की तारीखों को ट्रेन रद्द कर दिया. जिससे पंडित सुरेंद्र शर्मा कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. इस पर पंडित सुरेंद्र शर्मा ने अपनी पत्नि और दो बेटियों के साथ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत की थी. शिकायत की सुनवाई के दौरान आयोग ने पंडित शर्मा और रेल विभाग का पक्ष सुना. उसके बाद आयोग के अध्यक्ष भास्कर योगी व सदस्य सरिता रायपुरे ने रेलवे विभाग को पंडित सुरेंद्र शर्मा व उनके परिवार को कपड़े के लिए 42,140 रु., चारों शिकायतकर्ताओं को हुई मानसिक परेशानी के लिए 10 हजार रु., मानसिक परेशानी के लिए प्रत्येक को 40 हजार रु. के हिसाब से 40 रु. देने का आदेश दिया. अदालती कार्यवाही के लिए 20 हजार और मुआवजे के रूप में 50 हजार रु. देने का आदेश दिया. इतना ही नहीं, एक महीने के भीतर राशि नहीं देने पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज जोड़ा जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने संबंधित अधिकारियों के वेतन से 50 हजार रु. काटकर उस राशि को आयोग के खाते में जमा कराने का आदेश दिया. मामले में पंडित सुरेंद्र शर्मा की ओर से एड. ए.एन. मिश्रा व रेल विभाग की ओर से एड. एस.बी. राजनकर ने पैरवी की.
ट्रेन को समय पर कैंसिल करना रेलवे को पड़ा महंगा
RELATED ARTICLES