गुटखा, खर्रा बना जानलेवा : 912 लोगों में कैंसर से पहले के लक्षण
गोंदिया. तम्बाकू और गुटखा कैंसर को न्यौता देता है. लेकिन गोंदिया जिले में खर्रा और गुटखा का बड़ा चलन है. इसका सेवन युवा और बुजुर्ग लोग करते हैं. इसका असर उनकी सेहत पर पड़ने लगा है. स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में पता चला है कि जिले में 778 लोग मुंह नहीं खोल पाते. वहीं 912 लोगों में कैंसर से पहले के लक्षण हैं.
गोंदिया शहर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड क्षेत्र, सिविल लाइन, बाजार क्षेत्र के साथ-साथ हर गली और चौक-चौराहों पर पानटपरियां हैं. सरकार ने तंबाकू उत्पादों और सुगंधित तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन गोंदिया में प्रतिबंध की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं. तम्बाकू उत्पाद व्यापक रूप से और खुलेआम बेचे जाते हैं. गुटखा हर क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध है. उसके लिए किसी को भटकना नहीं पड़ता. जिले में खाना कम और गुटखा ज्यादा खाने वालों की संख्या अधिक है. गोंदिया जिले में तंबाकू बेचने वाले छोटे विक्रेताओं पर कार्रवाई की जा रही है. लेकिन खाद्य व औषधि विभाग के अधिकारियों को इस बात की तह तक जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि माल कहां से आ रहा है. इसलिए यह न कहना बेहतर है कि किसी को इन सभी मामलों का प्रभारी होना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से जिले में प्रतिदिन 200 बोरी गुटका आ रहा है. इसके बावजूद सिस्टम को इसकी जानकारी नहीं है. तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के सेवन से कई लोगों को मुंह का कैंसर हो रहा है. धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. तम्बाकू पैकेट पर मोटे अक्षरों में यह तथ्य लिखा होता है कि तम्बाकू से कैंसर होता है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. जिले में 778 लोग तंबाकू के अत्यधिक सेवन के कारण अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं. वहीं 912 लोगों में कैंसर के शुरुआती लक्षण पाए गए है.
34 लोग कैंसर से पीड़ित
वर्ष 2023 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 34 हजार 411 लोगों की मौखिक जांच की गई. इनमें 778 लोग तंबाकू सेवन के कारण अपना मुंह नहीं खोलते हैं. 912 में कैंसर के पूर्व लक्षण थे और 34 में कैंसर था. एक सकारात्मक बात यह है कि सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 277 लोगों ने धूम्रपान छोड़ दिया.