शहर के अलग-अलग क्षेत्र में जल रही खंभो पर बिजली
गोंदिया. शहर में आज कल नगर परिषद की अजीबोगरीब कार्यप्रणाली सामने आ रही है. सफाई व्यवस्था के बुरे हाल हैं. नलों से मटमैला और गंदा पानी पीने के लिए लोगों को मजबूर किया जा रहा है. अब शहर के खंभों पर लगी स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था बिगड़ गई है. दो दिनों से दिनभर शहर के कुछ भागों के खंभों पर बिजली जलती दिखाई दे रही है. नगर परिषद में किसी का भी नियंत्रण नहीं रह जाने का यह नतीजा है.
11 सितंबर को शहर के सूर्याटोला परिसर में दिन भर खंभों पर बिजली जलती रही. 12 सितंबर को दूसरे दिन मुर्री मार्ग पर भी दिनभर बिजली जल रही थी. शायद बिजली बंद करने वाले कर्मचारी ने अवकाश ले लिया होगा या फिर वह स्ट्रीट लाइट बंद करना भूल गया होगा. कारण जो भी हो लेकिन यह अवश्य ही कहा जा सकता है कि इससे नाहक ही बिजली खर्च होती रही है. बिजली का यह अतिरिक्त बिल आखिर किसी न किसी को देना ही पड़ेगा, क्योंकि महावितरण अपने हिसाब से ही बिल वसूलेगी. नगर परिषद अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा पा रही है, जिससे यही स्पष्ट हो रहा है.
मेंटेनेंस की कमी आई सामने
पिछले कुछ सालों पहले शहर में हर ओर एलइडी बल्ब लगा दिए गए. इन बल्बों की खास बात यह है कि यह अपने आप बंद-चालू होते हैं. इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारी रखने की जरूरत नहीं है. शहर के नगर परिषद की व्यवस्था ठेकेदारी पर है. जिस कंपनी के बल्ब लगाए है, उसी कंपनी को मेंटेनेंस के नाम पर बिजली की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी निभानी है. शायद यह उसी कंपनी की कर्मियों का नतीजा है. भले ही यह बल्ब अपने आप बंद-चालू होते हैं लेकिन उन पर कंट्रोल तो कही न कही से करना जरूरी होता है.