Tuesday, September 17, 2024
Google search engine
HomeUncategorizedदुनिया की चिन्ता नहीं- धूल खा रहे 36 लाख के 12 स्मार्ट...

दुनिया की चिन्ता नहीं- धूल खा रहे 36 लाख के 12 स्मार्ट ट्रैफिक बूथ

नागपुर : मनपा अंतर्गत स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने शहर में बंगलुरु की तर्ज पर स्मार्ट ट्रैफिक बूथ तैयार कराया है। शहर में करीब 35 स्थानों पर अत्याधुनिक ट्रैफिक बूथ को पुलिस विभाग के माध्यम से लगाया जाना है। पहली खेप में करीब 12 ट्रैफिक बूथ पुलिस आयुक्त कार्यालय को मुहैया कराए गए हैं।

सौंदर्यीकरण के तहत लगाने थे
उपराजधानी में आगामी 21 एवं 22 मार्च को प्रस्तावित जी-20 की बैठक के चलते खासी सुविधाओं के साथ सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतरीन दिखाने के लिए पुलिस विभाग ने स्मार्ट सिटी निर्मित अत्याधुनिक ट्रैफिक बूथ को मंगाया है, लेकिन इन बूथ को लगाने के लिए आधारभूत सुविधा तैयार करने के लिए संसाधनों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ऐसे में पहले चरण के 12 ट्रैफिक बूथ करीब 1 माह से पुलिस आयुक्त कार्यालय के पिछले हिस्से में पड़े हुए हैं। खुले में रखे होने से बूथ की स्थिति भी खराब हो रही है। इस संबंध में जानकारी के लिए आला अधिकारियों से कई मर्तबा संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन अधिकारियों नेे फोन और मैसेज का जवाब तक नहीं दिया।

जोधपुर की कंपनी ने किया निर्माण
बंगलुरू की तर्ज पर स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ. शील घुले की संकल्पना से ट्रैफिक बूथ तैयार किया गया है। बूथ में सुविधाओं और संरचना को जोधपुर की कंपनी से डिजाइन कराया गया है। करीब 3 लाख रुपए प्रति बूथ की लागत से यह तैयार किया गया है। बूथ के भीतर एक ही समय में दो कर्मियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पूरी तरह से बंद होने के चलते बाहरी तापमान से बूथ के भीतर का तापमान करीब 2 से 3 डिग्री तक कम रहेगा। हवा के लिए साधारण पंखे के साथ एग्जॉस्ट फैन भी लगाया गया है। बूथ के भीतर से पुलिस कर्मचारी पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम से वाहन चालकों को निर्देश भी दे सकते हैं।
डिजिटल कोड से संचालन खाली होने पर बूथों की सुरक्षा को खासा खतरा होने लगता है। असामाजिक तत्व रात में बूथ के भीतर पहुंचकर गंदगी और तोड़-फोड़ कर देते हैं। ऐसे में पुख्ता सुरक्षा के लिहाज से डिजिटल कोड से संचालन की व्यवस्था की गई है। चौराहों पर ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी को डिजिटल कोड दिया जाएगा। कोड के आधार पर पुलिसकर्मी ही बूथ को खोल और बंद कर सकते हैं। सौर ऊर्जा संचालित बूथ में सेंसर की सहायता से स्वचालित व्यवस्था में लाइट और पंखे को बंद और शुरू किया जा सकता है।

अधिकारी से नहीं हो पाया संपर्क
पुलिस मुख्यालय की उपायुक्त अश्विनी पाटील से कई मर्तबा संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उपायुक्त पाटील की ओर से कॉल को रिसिव नहीं किया गया। इसके बाद मोबाइल पर संदेश भेजने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं दिया गया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments