मामला 28.39 करोड की धांधली का : धान खरीदी केंद्रों पर कार्रवाई करने में विलंब करना पडा महंगा
गोंदिया : गोंदिया-भंडारा जिले के अलग-अलग तहसीलों में धान खरीदी केंद्र चलाने वाली संस्थाओं में लगभग 28 करोड रुपयों की धांधली करने के मामला उजागर होने पर भी भंडारा जिला पण अधिकारी भारतभूषण पाटील एवं गोंदिया जिला पण अधिकारी मनोज बाजपेयी द्वारा कार्रवाई करने में कोताही बरती गई। पाटील एवं बाजपेयी ने जांच किए बिना फिर से ऐसे गडबडी करने वाली संस्थाओं को धान खरीदी केंद्र चलाने की अनुमति दी। इस आरोप में प्रबंधकीय संचालक तथा प्राधिकृत अधिकारीने भंडारा जिहा पणन अधिकारी भारतभूषण पाटील एवं गोंदिया के मनोज बाजपेयी को निलंबित किया है।
भंडारा जिले में शुरू में 100 करोड़ का धान घोटाला उजागर हुआ था। सीआईडी जांच के बाद मामला अब विचाराधीन है। उसके बाद भंडारा जिले में धान घोटालों का सिलसिला शुरू हो गया। जिला विपणन अधिकारियों ने धान की खरीद और शिपमेंट में भिन्नता होने पर भी उक्त संस्थानों के किसी भी पिछले इतिहास की जांच नहीं की। जिला विपणन अधिकारियों ने उन संस्थाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। तुमसर तालुका के पिपरा में बाढ़ में हजारों बोरी धान बह जाने का मामला सामने आया है. हालांकि देखने में आया है कि वहां धान का स्टॉक ही नहीं बचा है। इस पूरे मामले में जिला विपणन अधिकारी पाटिल ने महज तमाशबीन की भूमिका निभाई। आरोप लगाया गया है कि उनके इस रुख के चलते जिला पनन मंडल को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और ढिलाई बरतने वाले और टालमटोल करने वाले संगठनों ने अनाचार की गुंजाइश दी है. यह पूरा मामला 28 करोड 39 लाख 31 हजार 365 रुपयों की गडबडी का होकर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। प्रकरण की सूचना पुलिस को देने में भी विलंब किया गया। जिससे प्रबंधकीय संचालक तथा प्राधिकृत अधिकारी सुधाकर तेलंग ने आदेश जारी कर डीएमओ को निलंबित किया है।
रवि ठकरानी ( प्रधान संपादक)
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