लेकेश कावड़े की मांग : जिलाधीश को भेजा पत्र
गोंदिया. सरकार ने ‘स्कूल दत्तक’ योजना शुरू करने की योजना बना ली है. इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. जिससे बच्चों पर गंभीर परिणाम होंगे. इसलिए गोरेगांव तहसील के मोहाड़ी निवासी लेकेश सोहनलाल कावड़े ने जिलाधीश से पत्र के माध्यम से मांग की है कि मेरी किडनी बेच कर मैने जिस स्कूल में शिक्षा ग्रहण की है, वह जिला परिषद वरिष्ठ प्राथमिक शाला मोहाड़ी मुझे दत्तक योजने तहत दें. लेकेश कावड़े ने यह भी कहा है कि मेरे पास स्कूल दत्तक लेने के लिए पैसे नहीं है इसलिए में महाराष्ट्र सरकार को अपनी किडनी देने को तैयार हु और एक किडनी से नहीं होगा तो दूसरी किडनी भी देने को तैयार हु. जिससे जिले में हडकंप मच गया है.
शिक्षा नागरिकों का मौलिक अधिकार है. बच्चों की निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार बच्चों की प्राथमिक शिक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार राज्य के बजट में प्राथमिक शिक्षा के लिए सकल आय का छह प्रतिशत आवंटित करने के बजाय शिक्षा की जिम्मेदारी औद्योगिक समूह को सौंपने की कोशिश कर रही है. यदि स्कूलों को औद्योगिक समूहों द्वारा गोद लिया जाता है, तो दूरदराज के इलाकों, बस्तियों और कस्बों में कम संख्या वाले स्कूल बंद हो जाएंगे. भविष्य में उद्योग समूह शिक्षा क्षेत्र में एकाधिकार स्थापित कर लेंगे. सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य के लाखों बेरोजगारों के हाथों से रोजगार छिन गया. इन सबके बीच अब इस सरकार ने शिक्षा का मंदिर भी बेचने का भी बीड़ा उठा लिया है. इसके तहत सरकार ने ‘स्कूल दत्तक’ योजना शुरू करने की योजना बना ली है. इससे संबंधित प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. योजना के शुरू होने से सरकारी स्कूल निजी हाथों में चले जाएंगे. जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है.
मराठी स्कूल प्रेम के लिए लिया निर्णय
शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग महाराष्ट्र शासन के निर्णय से अनेक स्कूल दत्तक दिए जाएगे. जिससे बच्चों पर गंभीर परिणाम होंगे. इसलिए बच्चों के भविष्य के बारे में सोच कर व महाराष्ट्र के संपूर्ण मराठी प्राथमिक स्कूल के प्रेम के लिए यह निर्णय लिया हु.
लेकेश सोहनलाल कावड़े, पूर्व विद्यार्थी, मोहाड़ी