Sunday, September 8, 2024
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ईच्छाधारी नाग.. छोड़ी नागमणी.. फिर ले गया अपने साथ..

रतनारा के योगी और सर्पमित्र शैलेष ने मोबाईल में कैद की तस्वीरें
गोंदिया : पूरी दूनिया के करोड़ों लोगों ने फिल्म नगीना, नागमणी और नाग से संबंधित अनेक फिल्में देखी होंगी और हर कोई ईच्छाधारी नाग और नागिन के साथ ही नागमणी के संदर्भ में भी जरुर जानता है, लेकिन यह जानकारी सिर्फ कहानियों के माध्यम से काल्पनीक ही मानी जाती है. लेकिन वास्तव में यह अद‍्भुत, आश्चर्यजनक, अकल्पनीय सच को अपनी जीती जाती आंखों से गोंदिया जिले के दो युवाओं ने देखा है तथा ना सिर्फ इन दोनों को नाग और नागमणी के दर्शन हुए, बल्कि इन्होंने नाग और नागमणी की वो तस्वीरें भी अपने मोबाईल में कैद की, जिससे की अब लोगों को यह यकीन करना ही होगा कि वास्तव में ईश्वर के बनाये संसार में चमत्कारों की कमी नहीं है, और दूनिया के बड़े चमत्कारों में से एक सच यह भी है कि वास्तव में नाग के अंदर वो दिव्य शक्ति भी होती है, जिसमें वह अपने अंदर नागमणी को समाये रखता है, और समय आने पर नागमणी को अपने शरीर से बाहर कर अपने शरीर में वापस भी ले सकता है.
गोंदिया जिले के रावणवाड़ी के समीप ग्राम रतनारा में यह चमत्कार ग्राम के ही निवासी योगी धामड़े और सर्पमित्र शैलेष बोरकर ने अपन आंखों से देखा, और फिर उन्होंने इस घटनाक्रम की तस्वीरें भी अपने मोबाईल में कैद की, और उसके बाद उन तस्वीरों को गांव के लोगों को दिखाया तो फिर यह तस्वीर सोशल मीडिया में भी वायरल हुई.
जब नजारा देखकर घबरा गए..
ग्राम रतनारा में नाग द्वारा नागमणी छोड़ने और फिर वापस ले जाने के संदर्भ में तस्वीरें वायरल हुई तो इसकी जानकारी विधायक विनोद अग्रवाल के माध्यम से लगी. प्रत्यक्षदर्शी योगी धामड़े ने बताया कि 29 मार्च 2023 को रात में 10.30 बजे लगभग, गांव में शिव पुराण का कार्यक्रम शुरु था, उस वक्त मैं घर पर था, और मेरे भतीजे के लिए हमने गांव की लड़की ही मांगे है, जिससे कि उसके साले ने हमें फोन किया की घर के आंगन में बहुत बड़ा सांप निकला है. मैं तुरंत गाड़ी लेकर उसके घर गया तो देखा कि उनके घर के आंगन में बहुत बड़ा नाग सांप था. इतने में ही खबर दिये जाने पर तुरंत मेरी दुकान के बाजू का दोस्त सर्पमित्र शैलेष बोरकर भी वहां पर पहुंच गया, फिर हमने देखा कि सांप नाली में चला गया, नाली में से सर्पमित्र शैलेष बोरकर ने अपनी सांप पकडऩे की छड़ से सांप को बाहर निकाला, उसके बाद एक भरनी में उस सांप को कैद किया. उस सांप का वजन कम से कम 10 से 11 किलो का था. इतने भारी सांप को कैद करने के बाद हम दोनों उसे आधा किलोमीटर दूरी पर लेकर गांव के बाहर की ओर पहुंचे, और यहां पर रात में सड़क किनारे हमने सांप को छोड़ दिया. फिर हम दूर से देख रहे थे कि सांप कहां जाता है, तो हमने देखा कि सांप वहां से थोड़ी दूर आगे जाकर पलसे के पेड़ के पास रुक गया, और वहां पर सांप बड़ा सा फन फैलाकर खड़ा हो गया. हमने उस पर टू व्हीलर की लाईट मारे, तो इतने में ही हमने क्या देखा कि सांप ने अपने शरीर से सफेद वाला नागमणी निकाला, नागमणी का प्रकाश 100 वॉट के बल्ब जितना था, जिसके कारण चारों तरफ उजाला सा हो गया, हम देखकर आश्चर्यचकित हो गए, और घबरा भी गए, लेकिन फिर भी हम वहीं खड़े रहे, हमने देखा कि थोड़ी देर बाद उस नाग ने नागमणी को चार फिट दूर तक छोड़ दिया, और उस स्थान से आगे बढ़ गया. हम सब देख रहे थे, समझ में नहीं आ रहा था क्या करें, लेकिन हम जगह से हिले नहीं, फिर हमने देखा कि लगभग 5 से 10 मीनट में नाग वापस नागमणी के पास आया, और उसने उस नागमणी को अपने शरीर से ढंक लिया, वह नागमणी पर बैठ गया, लेकिन फिर भी प्रकाश नजर आ रहा था. इसके बाद नाग ने उस मणी को अपने शरीर में वापस धारण कर लिया, और वह वहां से चला गया. यह अद‍्भुत और चमत्कारी नजारा हमने देखा, और फिर हम वापस घर गए. इस दौरान रात्रि में शिव पुराण में भी वही नागमणी की कथा चल रही थी. हम घबराहट में पसीना पसीना हो चुके थे. चूंकि हमने नागमणी के साथ नाग की चार छह फोटो अपने मोबाईल में खींच लिये थे, इसलिये सुबह गांव के कुछ लोगों को हमने पूरी घटना की जानकारी दी.

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