Sunday, September 8, 2024
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कोसमतोंडी-बोडुंदा नाले पर पुल का काम रुका

पहली बाढ़ में बहीं वैकल्पिक सड़क : विद्यार्थियों के साथ नागरिकों बढ़ी परेशानी
गोंदिया : सड़क अर्जुनी तहसील में कोसमतोंडी, बोडुंदा, थाडेझरी गांवों को जोड़ने वाले एकमात्र पुल का निर्माण पिछले 4-5 महीनों से चल रहा है. लेकिन पुल का निर्माण धीमी गति से चल रहा है और अब मानसून शुरू होने से निर्माण आंशिक रूप से बंद हो गया है. जिससे नागरिक, विद्यार्थी व किसानों को असुविधा हुई है. आवागमन के लिए जो वैकल्पिक सड़क बनाई गई थी वह पहली बाढ़ में ही बह गई. जिससे निकलने का रास्ता ढूंढना छात्रों, किसानों और नागरिकों के लिए मुश्किल हो गया है. संबंधित ठेकेदार व विभाग वैकल्पिक यातायात मार्ग व पुल के निर्माण में तेजी लाए, ऐसी मांग की जा रही है.
कोसमतोंडी गांव में मुख्य बाजार और स्कूल कॉलेज, आयुर्वेदिक औषधालय और बैंक ऑफ महाराष्ट्र है. इसलिए यह गांव इलाके का केंद्र है. थाडेझरी तक पहुंचने के लिए बोडुंदा ही एकमात्र रास्ता है. क्योंकि कोसमतोंडी के किसान बोडुंदा शेतशिवार में खेती करते हैं, इसलिए उन्हें कृषि कार्य करने के लिए इसी नाले से होकर आना-जाना पड़ता है. इसके अलावा थाडेझरी, बोडुंदा के छात्र, किसान और नागरिक कृषि सामग्री और अन्य कार्यों और शिक्षा के लिए इस नाले से आते-जाते हैं. पहली बाढ़ में वैकल्पिक यातायात मार्ग बह गया, जिससे एक बड़ी समस्या पैदा हो गई. पुल का निर्माण लोक निर्माण विभाग गोंदिया उपमंडल सावंगी के अंतर्गत किया जा रहा है और आमगांव (रिसामा) के ठेकेदार द्वारा निर्माण करा रहे हैं. 4-5 माह पहले पुल का निर्माण धीमी गति से शुरू किया गया था. इसलिए पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका. ठेकेदार ने नाले में मात्र दो छोटी सीढि़यां डालकर आवागमन के लिए वैकल्पिक सड़क बना दी. इसीलिए पहली बाढ़ में वैकल्पिक सड़क पानी के बहाव में बह गई. नागरिकों का कहना है कि ठेकेदार की लापरवाही और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की आंख मूंद लेने के कारण निर्माण धीमी गति से चल रहा है और वैकल्पिक सड़क बह गई है. जिससे छात्रों, किसानों और नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है. फिलहाल खेती का मौसम चल रहा है और किसान रोपाई कर रहे हैं. वैकल्पिक यातायात मार्ग बह जाने से किसानों के सामने सवाल है कि बुआई के लिए ट्रैक्टर कहां से ले जाएं. साथ ही, बोडुंदा, थाडेझरी के छात्रों और नागरिकों ने पूछा है कि कैसे आना-जाना करना है. आवागमन का एक ही रास्ता होने के कारण यदि बरसात के दिनों में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे इलाज के लिए कैसे ले जाया जाए, ऐसी कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. इस बीच छात्रों, किसानों और नागरिकों ने संबंधित ठेकेदार और संबंधित विभाग से पुल और आवागमन के लिए वैकल्पिक सड़क का निर्माण शीघ्र पूरा करने की मांग की है.

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