राज्य सरकार की उपेक्षा आमगांव निवासियों ने की मांग
आमगांव : आमगांव नगर परिषद क्षेत्र के नागरिकों ने राज्य सरकार की उपेक्षा और समय लेने वाली नीति के चलते गोंदिया जिले के आठ ग्रामो को मध्यप्रदेश में विलय करने की मांग की है।
सोमवार 27 फरवरी 2023 को स्थानीय नागरिकों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर सरकार के नाम निवेदन प्रस्तुत किया है। उन्होंने मांग की कि, गोंदिया जिले के आठ गांव आमगांव, बनगांव, किडंगीपार, माल्ही, पदमपुर, कुंभारटोली, बिरसी, रिसामा को सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश में मिला दिया जाए. इन आठ गांवों की आबादी लगभग 40 हजार है और इनका राज्य सीमा क्षेत्र मध्य प्रदेश राज्य से सटा हुआ है।
निवेदन के माध्यम से कहा कि पिछले आठ साल से महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नगर पंचायत से नगर परिषद की स्थापना को लेकर विवाद खड़ा कर मामला प्रलंबित रखा है।
उक्त मामले में कोर्ट केस चलते राज्य सरकार ने प्रशासक राज जारी रखा है। इस वजह से यहां 2014 के बाद आम चुनाव नहीं हुए। जनप्रतिनिधियों के चुनाव नहीं होने से योजनाओं हेतु विकास निधि स्वीकृत नहीं हुई, जिससे इस क्षेत्र का विकास नहीं हो सका। उक्त क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य सरकार ने पिछले 13 वर्षों से इस स्थान पर राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं को अवरुद्ध कर दिया है और नागरिकों को बुनियादी विकास से रोक दिया है।
आमगांव नगर परिषद संघर्ष समिति ने मांग की है कि इन आठ गांवों को मध्य प्रदेश राज्य में विलय कर राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू कर विकसित किया जाए या केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए।
निवेदन देने के दौरान समिति के रवि क्षीरसागर, यशवंत मानकर, संजय बहेकार, उत्तम नंदेश्वर, रितेश चुटे , भोला गुप्ता, मुन्ना गवली, विजय नागपुरे, महेश उके, राहुल चुटे, प्रभादेवी उपराडे , बालू वंजारी, पिंकेश शेंडे, राधाकिसन चूटे , इकबाल पठान व अन्य कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद थे।