Friday, October 18, 2024
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‘जीएमसी’ का टेंडर दूसरी बार रद्द

इमारत निर्माण में देरी : तीसरी बार बुलाए टेंडर
गोंदिया. शासकीय मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और विभिन्न इमारतों के निर्माण को 2015 में मंजूरी दी गई थी. कुड़वा परिसर में सुरक्षा दीवार का निर्माण कराया गया. मुख्य भवन के निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया था. उस टेंडर प्रक्रिया पर आपत्ति जताई गई थी. परियोजना व्यवस्थापक सलाहकार इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स (इंडिया) द्वारा एक खुलासा प्रस्तुत करने के बाद 23 अक्टूबर को रोक हटा दी गई थी. 13 अगस्त को दूसरी बार निविदा आमंत्रित की गई. लेकिन उस प्रक्रिया को भी कारण बताकर रद्द कर दिया गया. अब तीसरी बार टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जीएमसी निर्माण के पीछे हो रही देरी का कारण क्या है.
सभी दलों के तत्कालीन नेताओं ने पहल कर गोंदिया में शासकीय मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दिलाने का प्रयास किया. मंशा यह भी थी कि जिले के विद्यार्थियों को मेडिकल की शिक्षा मिले. सरकार और प्रशासन की जिद के चलते आखिरकार यहां शासकीय मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल गई. लेकिन उसमें भी एक समस्या थी. आखिरकार न्यायालयीन लड़ाई के बाद, अनुमोदन प्रक्रिया विधिवत पूरी हुई. मेडिकल कॉलेज को 2015 में मंजूरी मिली थी. यहां 100 छात्र क्षमता और 500 बिस्तरों वाला एक अस्पताल स्वीकृत किया गया था. 6 अप्रैल 2016 को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. 15 जुलाई 2021 को कुड़वा में प्रस्तावित स्थल पर इमारत निर्माण का कार्य सार्वजनिक उद्यम कंपनियों के माध्यम से टर्न बेस पर कराने का निर्देश दिया गया. 7 जनवरी 2022 को वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट नियुक्त किया गया. कंपनी ने कुड़वा में स्थल का निरीक्षण किया. कुड़वा में नए निर्माण के लिए 30 मार्च 2022 को प्रबंधन सलाहकार समिति को 68.90 करोड़ रु. दिए गए. 30 अगस्त 2022 को कुड़वा में प्रस्तावित स्थल पर सुरक्षा दीवार का निर्माण शुरू किया गया था. एक ओर जहां ये सारी प्रक्रियाएं चल रही थीं, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के संज्ञान में यह बात आई कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. अक्टूबर माह में हुई टेंडर प्रक्रिया को सरकार ने गलत तरीके से करने का आरोप लगाते हुए रोक लगा दी थी. लेकिन परामर्श प्रबंधन के लिए नियुक्त किया गया. इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड ने 14 अक्टूबर 2022 को खुलासा प्रस्तुत किया. जिससे संतुष्ट होकर राज्य के चिकित्सा शिक्षा और फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने रोक हटा दी. 23 अक्टूबर को रोक हटाने का पत्र जारी किया गया है. अगस्त माह में अन्य लोगों का टेंडर निकाला गया. लेकिन वह प्रक्रिया भी रद्द कर दी गई. अब तीसरी बार दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है. नतीजा यह है कि निर्माण का मुद्दा दिन-ब-दिन लटकता जा रहा है. राज्य, केंद्र सरकार और परामर्श प्रबंधन कंपनी के बीच समन्वय की कमी और राजनीति के आड़े आने के कारण भवन निर्माण में देरी का आरोप जोर-शोर से लगाया जा रहा है.

छात्रों का कमरा शेअरिंग
छात्रों को गोंदिया के शासकीय मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिया जा रहा है. यहां छात्र चार साल का प्रशिक्षण ले रहे हैं. लेकिन इमारत निर्माण में बार-बार देरी के कारण जीएमसी प्रशासन छात्रों के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष कर रहा है. छात्रों को क्षमता से अधिक लोगों के साथ रूम शेयर करना पड़ता है.

‘पीजी’ के लिए 50 सीटें स्वीकृत
पहले यहां शासकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की शिक्षा दी जाती थी. लेकिन शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान आयोग ने शासकीय मेडिकल कॉलेज गोंदिया में 13 स्नातकोत्तर मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रमों को मंजूरी दे दी है. उसके लिए 50 प्रवेश की योजना बनाई गई है. जैसे-जैसे स्नातकोत्तर छात्रों की संख्या हर साल बढ़ेगी, छात्र आवास का मुद्दा फिर से उठेगा.

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