बालाघाट। कम समय में रुपया दोगुना करने का जाल न सिर्फ बालाघाट के लांजी व किरनापुर क्षेत्र में बल्कि ऐसा ही गिरोह पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर में भी सक्रिय है। नागपुर के नंदनवन पुलिस को मिली गोपनीय जानकारी और शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर जब जांच शुरू की गई तो इस गिरोह का मास्टरमाइंड बालाघाट का राजिक पिता शफिक कुरैशी निकाला, जो पिछले छह महीनों से नागपुर में रहकर लाेगों को डबल मनी का लालच देकर करोड़ों रुपए ऐंठ रहा था।
गत दिनों नागपुर पुलिस ने बालाघाट आकर राजिक के पिता शफिक कुरैशी को गिरफ्तार किया था। नागपुर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर किशोर नगरेले ने बताया कि इस मामले में बुधवार को दो और आरोपितों ताजबाग नागपुर निवासी सैयद फराद मुस्ताक अली और मोहम्मद अकील शेख हसन को गिरफ्तार किया है। जबकि फरार चल रहे बालाघाट के राजिक कुरैशी की नागपुर पुलिस की दो टीम महाराष्ट्र व बालाघाट के आसपास सरगर्मी से तलाश कर रही है।इस मामले में पांच करोड़ से अधिक के लेनदेन की जानकारी सामने आई है, लेकिन जैसे-जैसे मामले की जांच होगी, वैसे-वैसे इसकी परतें खुलती जाएंगी। इस मामले की जांच और फरार राजिक कुरैशी की तलाश में नागपुर पुलिस साइबर सेल की भी मदद ले रही है।
नागपुर में डबल मनी के मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ वहां की पुलिस अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम-2019 के तहत कार्रवाई कर रही है। यह वही अधिनियम है जिसकी मदद से बालाघाट पुलिस ने लांजी व किरनापुर के डबल मनी केस के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2019 में बने यह अधिनियम पैसा दोगुना करने के मामलों के भंडाफोड़ करने तथा आरोपियों पर शिकंजा कसने में कारगर साबित हुआ है।
बालाघाट के लांजी व किरनापुर में चल रहे डबल मनी मामले के मई 2022 में हुए खुलासे के आठ महीने गुजर जाने के बाद भी निवेशकों को उनकी रकम नहीं मिल पाई है। हालांकि, जिला पुलिस इसके लिए प्रयासरत है। पुलिस का कहना है कि निवेशकों को उनकी राशि लौटाने का क्षेत्राधिकार न्यायालय के अधीन है।
वहीं, दूसरी तरफ निवेशकों को उनकी रकम नहीं मिलने से उनके सब्र का बांध भी धीरे-धीरे टूट रहा है। यही वजह है कि लांजी व किरनापुर क्षेत्र में आए दिन एजेंटों से मारपीट, घर में तोड़फोड़ जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।