गोंदिया. तहसील के ग्राम पांजरा खेत परिसर में एक छोटे सारस पक्षी (3-4 माह) की मौत हो गई है. हो सकता है कि मौत बिजली के झटके या विषबाधा की वजह से हुई हो, और इसकी पूरी जांच की जा रही है.

खतरे में पड़े सारस पक्षी मुख्य रूप से महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और उससे सटे भंडारा जिले में पाए जाते हैं. उल्लेखनीय है कि सारस पक्षियों के घोंसले और नियमित प्रजनन जोड़े सिर्फ गोंदिया जिले में ही पाए जाते हैं. मानसून के दौरान, ये पक्षी धान के खेतों में घोंसला बनाते हैं और अंडे देते हैं और सितंबर-अक्टूबर के महीनों में अपने बच्चों के साथ खेत परिसर में घुमते करते हैं. वर्ष 2025 के सीजन में पैदा हुए बच्चों में से, कामठा-झिलमिली-पांजरा परिसर के इस बच्चे को एक किसान ने अस्वस्थ्य हालत में घूमते हुए देखा था. कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी वन विभाग और सेवा संस्थान को दी गई. उसके बाद टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पंचनामा करके शुरुआती जांच की. मरे हुए सारस पक्षी को आगे की जांच के लिए गोंदिया के पॉलीक्लिनिक में भेज दिया गया है. यह पूरी प्रक्रिया उप वनसंरक्षक पवन जोंग के मार्गदर्शन में की जा रही है. घटना स्थल पर मानद वन्यजीव रक्षक व सेवा संस्था के सावन बहेकार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी दिलीप कौशिक, बी.एन.एच.एस. संस्था के मुकूंद धुर्वे, सेवा संस्था के अभिजीत परिहार, कन्हैया उदापुरे, वनरक्षक मुकेश मेहर व स्थानीय किसान उपस्थित थे. पोस्टमार्टम और जांच की प्रक्रिया पशु चिकित्सा अधिकारी देवेंद्र कटरे व रहांगडाले के जरिए की जा रही है.
पोस्टमार्टम व लैब जांच की अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि सारस पक्षी की मौत इलेक्ट्रिक शॉक से हुई या विषबाधा से.
वन विभाग व सेवा संस्था, गोंदिया






