गोंदिया. गोंदिया जिले में एकोड़ी के जिला परिषद भारतीय विद्यालय एवं जूनियर कॉलेज में पीएमश्री योजना समेत कई शैक्षणिक निधियों में मिली करोड़ों रुपए की राशि के इस्तेमाल में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) से प्राप्त जानकारी व स्कूल समिति की बैठकों में प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य पी.एम. खडसे पर आर्थिक अनियमितता व रिकॉर्ड गायब करने के आरोप लगाए गए हैं. इस संबंध में पंचायत समिति सदस्य अजाबराव रिनायत ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, शिक्षा अधिकारी तथा गट शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
एकोड़ी का यह जिला परिषद विद्यालय लंबे समय से उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है, लेकिन पिछले दो महीनों में यहां वित्तीय अनियमितता का विवाद तेजी से उभरा है. सेवानिवृत्त प्राचार्य पी.एम. खड़से ने 31 अगस्त 2025 को पद छोड़ा था. इसके बाद एम.एच. पटले ने प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यभार संभाला. इसके मात्र दो सप्ताह बाद, 13 सितंबर 2025 को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) व स्कूल कमेटी की संयुक्त बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के आर्थिक विवरणों पर चर्चा हुई. 11वीं कक्षा की प्रवेश फीस का हिसाब दिया गया, लेकिन स्कूल डेवलपमेंट फंड, टीसी फीस, विज्ञान प्रयोगशाला के लिए खरीदा गया सामान और सबसे महत्वपूर्ण पीएमश्री योजना के तहत प्राप्त राशि इन सभी मदों के जमा-खर्च का कोई रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि सेवानिवृत्त प्राचार्य खड़से को पूरा रिकॉर्ड, कैशबुक और दो गाड़ी रद्दी बेचने का हिसाब देना आवश्यक है. यह भी निर्णय लिया गया कि यदि रिकॉर्ड नहीं दिया गया तो वरिष्ठ कार्यालय में औपचारिक शिकायत की जाएगी. इसके बाद मामला और गंभीर तब हुआ जब 8 अक्तूबर को पंचायत समिति सदस्य अजाबराव रिनायत ने स्कूल को लिखित रुप से निधि का हिसाब मांगा. इसमें प्रभारी प्राचार्य ने अपने लिखित जवाब में उनके पास कोई भी रिकॉर्ड या कैशबुक उपलब्ध नहीं होने की बात कही है. यह जवाब सामने आते ही रिनायत ने विस्तृत शिकायत जिला परिषद के उच्च अधिकारियों के पास भेज दी है. इस शिकायत में 10वीं, 11वीं, 12वीं की प्रवेश फीस का कोई हिसाब नहीं होने, टीसी फीस व स्कूल डेवलपमेंट फंड का रिकॉर्ड गायब होने, पीएमश्री योजना की पूरी राशि का खर्च विवरण तथा कैशबुक स्कूल को नहीं सौंपने, समिति की अनुमति के बगैर पुरानी रही दो गाड़ियों में भरकर बेचने, लेकिन उसका हिसाब पेश नहीं करने, विज्ञान प्रयोगशाला में खरीदे गए सामान की स्टॉक बुक में कोई एंट्री नहीं होने का उल्लेख किया गया है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि सेवानिवृत्त प्राचार्य ने अपने कार्यकाल में एक भी वर्ष का पूरा हिसाब-किताब स्कूल को नहीं सौंपा, जिससे बड़े वित्तीय गबन की आशंका बढ़ गई है. रिनायत ने खड़से के खिलाफ तत्काल जांच शुरु करने, उनकी सर्विस बुक, पेंशन व भविष्य निधि रोकने और आगे की कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. 18 नवंबर को विद्यालय के नवनिर्मित विज्ञान प्रयोगशाला भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में जिला परिषद के अध्यक्ष लायकराम भेंडारकर, उपाध्यक्ष सुरेश हर्षे, सभापति मुनेश रहांगडाले समेत कई अधिकारी मौजूद थे. इसी मंच के पंचायत समिति सदस्य अजाबराव रिनायत ने सार्वजनिक रूप से यह मुद्दा उठाया और अधिकारियों को बताया कि स्कूल की निधियों का रिकॉर्ड गायब होने से गांव में गंभीर चिंता देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि पीएमश्री योजना के करोड़ों रु. का हिसाब तत्काल सार्वजनिक होना चाहिए. ग्रामवासियों, स्कूल समिति व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नजर अब जिला परिषद व शिक्षा विभाग की कार्रवाई पर टिकी है. बड़ा सवाल यह है कि पीएमश्री योजना की राशि कहां गई? रिकॉर्ड क्यों गायब हैं? और इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार कौन है?
पीएमश्री योजना के तहत मिली करोड़ों की निधि में अनियमितता, सेवानिवृत्त प्राचार्य पर गंभीर आरोप
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