अदालत ने 17 अक्टूबर 2024 को सुनाया आदेश
गोंदिया : एक महत्वपूर्ण फैसले में, स्थानीय सत्र न्यायालय ने 17 अक्टूबर 2024 को धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में आरोपी किसान पांडे एव कन्हैयालाल पांडे को नियमित जमानत प्रदान की। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 418, 406, 403, 120(B) और महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉज़िटर्स (MPID) एक्ट की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए थे।
आरोपी की ओर से उनके वकील एड वेदांत हंसराज पांडे ने अदालत में तर्क दिया कि यह पूरा मामला नागरिक विवाद का प्रतीत होता है और आपराधिक धोखाधड़ी का कोई आधार नहीं है। वकील ने दलील दी कि लेन-देन पूरी तरह से नागरिक प्रकृति का था और शिकायतकर्ता को पहले ही धनराशि वापस कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि आईपीसी की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का आरोप तभी बनता है जब आरोपी ने प्रारंभ से ही धोखा देने की मंशा रखी हो। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई इरादा नहीं था, जिससे धारा 420 के तहत अपराध नहीं बनता। वकील ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि शिकायतकर्ता को आर्थिक हानि नहीं हुई है, क्योंकि उसे धन वापस कर दिया गया था। इसके अलावा, इस बात पर जोर दिया गया कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह जांच में सहयोग कर रहे हैं, जिससे उनकी गिरफ्तारी या हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है।
इन तर्कों को सुनने के बाद, अदालत ने मामले की प्रकृति, उपलब्ध साक्ष्यों और आरोपी द्वारा धनराशि लौटाए जाने के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी माना कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों में धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला नहीं बनता, क्योंकि प्रारंभिक धोखाधड़ी की मंशा का अभाव था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी को गिरफ्तारी के बाद लंबी हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है, विशेष रूप से तब जब लेन-देन को नागरिक प्रकृति का माना गया है और धन की वसूली पहले ही हो चुकी है। इस आदेश के साथ अदालत ने आरोपी को नियमित जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया।
शेयर मार्केट के मामले में आरोपी को मिली नियमित जमानत
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