शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार प्रयासरत : शिक्षक-शिक्षा सम्मेलन कार्यक्रम
गोंदिया. स्कूली शिक्षा विद्यार्थियों का एक महत्वपूर्ण आधार है. इसी से देश की भावी पीढ़ी का निर्माण होता है. शिक्षक विद्यार्थियों का निर्माण करते हैं, इसलिए शिक्षक ही गुरु हैं. सरकार शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत है. जिले के शिक्षकों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक होकर विद्यार्थियों का निर्माण करना चाहिए, ऐसे विचार स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने रविवार, 12 अक्टूबर को फुलचुर नाका स्थित लक्की लॉन में आयोजित शिक्षक-शिक्षा सम्मेलन में रखे. इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष लायकराम भेंडारकर, सर्वश्री विधायक विनोद अग्रवाल, राजकुमार बडोले, जिला परिषद उपाध्यक्ष व शिक्षा सभापति सुरेश हर्षे उपस्थित थे.
संस्था की प्रशंसा करते हुए डॉ. भोयर ने कहा कि शिक्षक सहकारी समिति ने यह दर्शाया है कि शिक्षा क्षेत्र के लिए समर्पित एक योजनाबद्ध संस्था कैसी होनी चाहिए. हम शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षकों को निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए. शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य कर दी गई है. इस संबंध में शिक्षक संगठनों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई. इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस राज्य के शिक्षकों के साथ हैं और उचित निर्णय लेंगे. मुख्यमंत्री फडणवीस के कारण प्रधानमंत्री श्री स्कूलों की तर्ज पर राज्य में मुख्यमंत्री श्री स्कूल लागू किए जाने की जानकारी देते हुए डॉ. भोयर ने कहा कि राज्य में 1 लाख 7 हजार स्कूल हैं. इनमें से 65 हजार स्कूल सरकारी स्कूल हैं. गोंदिया जिले में इस पहल के तहत 21 पीएम श्री स्कूलों को शामिल किया गया है. पीएम श्री योजना के माध्यम से गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. इस योजना से स्कूलों में भौतिक सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की तस्वीर अब बदल रही है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में जिले में भी सीएम श्री योजना से लाभान्वित अनुकरणीय स्कूल दिखाई देंगे. श्री भोयर ने स्कूली शिक्षा के अंतर्गत आयोजित विज्ञान प्रदर्शनियों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर इन्हें काफी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. जिससे विद्यार्थियों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो रहा है. राज्य में अनुकरणीय विद्यालय योजना शुरू की गई है और इसके माध्यम से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है. शिक्षकों को ज्ञान, सेवा और समर्पण के तीन सिद्धांतों का उपयोग करना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है.
इस अवसर पर शिक्षा सेवा संघ के राज्यस्तरीय अध्यक्ष संतोष पित्तलवार, रविन्द्र अम्बुले और जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र गौतम ने शिक्षकों की ओर से मांगें प्रस्तुत कीं. इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने सम्मानित किया. कार्यक्रम में शिक्षाधिकारी (माध्यमिक) विशाल डोंगरे, शिक्षाधिकारी (प्राथमिक) सुधीर महामुनि, समस्त संकुल शिक्षा अधिकारी, शिक्षक व शिक्षिकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
स्कूली शिक्षा से ही देश की भावी पीढ़ी का निर्माण : स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर
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