डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 5जी की शुरुआत ने उद्यमों के बीच काफी रुचि पैदा की है और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और 5जी के संयोजन से अगले कुछ वर्षो में घरेलू व्यवसायों के एक नए युग की शुरुआत होगी। एनटीटी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविनाश जोशी ने मंगलवार को यह बात कही। 5जी एक ऐसी चीज है, जिसे हमने 4जी से एक प्राकृतिक कोर्स के रूप में छलांग लगाई है, लेकिन इस बार भारत जिस पैमाने को देखने जा रहा है वह विशाल होगा।
जोशी ने आईएएनएस को बताया कि जैसे ही आम लोगों के लिए 5जी रोल-आउट शुरू हुआ, भारतीय उद्यम भी डेटा युग में चपलता और मापनीयता सुनिश्चित करने के लिए अपने स्वयं के 5जी निजी नेटवर्क के लिए उत्सुक हैं।
जोशी ने कहा, 5जी विनिर्माण जैसे असंख्य क्षेत्रों के लिए वाई-फाई 6 और अन्य प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से आईओटी के साथ सह-अस्तित्व में रहेगा। 5जी कम विलंबता, अतिरिक्त सुरक्षा और स्मार्ट विनिर्माण के लिए अत्यधिक विश्वसनीयता लाता है। आईओटी का पूरा क्षेत्र आशाजनक है, क्योंकि अधिक से अधिक कंपनियां विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक मामलों के लिए आईओटी का लाभ उठा रही हैं।
जोशी ने आईएएनएस से कहा, मुझे लगता है कि आईओटी और 5जी का संयोजन वास्तव में भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देगा। आईबीएम में 18 साल से अधिक समय तक रहने के बाद जोशी एनटीटी से जुड़े। अपनी अंतिम भूमिका में वह सीनियर पार्टनर और 5जी, एपैक, आईबीएम सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट थे।
एनटीटी डेटा के हिस्से के रूप में 30 अरब डॉलर का आईटी सेवा प्रदाता, एनटीटी लिमिटेड एक अग्रणी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा कंपनी है, जो फॉर्च्यून ग्लोबल 500 में 65 प्रतिशत और फॉर्च्यून ग्लोबल 100 में 75 प्रतिशत से अधिक की सेवा करती है। सॉफ्टवेयर-परिभाषित भविष्य की ओर यात्रा पर यह संगठनों को अपने प्लेटफॉर्म-डिलीवरी इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाओं के साथ समर्थन करता है।
जोशी के मुताबिक, भारत डाटा सेंटर क्रांति के मुहाने पर है। कंपनी पहले ही भारत में डेटा सेंटर बनाने के लिए 2 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। जोशी ने आईएएनएस को बताया, लगभग 80 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ हम भारत में नंबर 1 हैं। एनटीटी के देश में 12 ऑपरेशनल डेटा सेंटर हैं और हम 6 और बना रहे हैं। हम अगले 12 महीनों में भारत में मौजूदा मेगावाट क्षमता को दोगुना कर देंगे।
एनारॉक-बिन्सवांगर की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती मांग से उत्साहित, 13 मिलियन वर्ग फुट और 1,015 मेगावाट आईटी क्षमता वाले 45 से अधिक डेटा केंद्रों को भारत में 2025 तक स्थापित करने की योजना है। कुल मिलाकर, 2025 के अंत तक देश में 24 मिलियन वर्ग फुट और 1,752 मेगावाट की कुल आईटी क्षमता वाले 183 डेटा केंद्र होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है, आईटी क्षमता (लगभग 1,015 मेगावाट) के संदर्भ में इस नियोजित नई आपूर्ति का 69 प्रतिशत से अधिक मुंबई और चेन्नई में आएगा, अकेले मुंबई में यह 51 प्रतिशत है। इस समय भारत भर में 138 डेटा केंद्र हैं जो 11 लाख वर्ग फुट में फैले हैं और 737 मेगावाट की आईटी क्षमता (तैयार इमारत) है।
जोशी ने कहा, भारत हमारे लिए एक प्रमुख बाजार है। हम यहां डेटा केंद्र बना रहे हैं और उद्यमों को उनकी वास्तविक क्षमता को अनलॉक करने में मदद करने के लिए और निर्माण करते रहेंगे।
सोर्सः आईएएनएस
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