राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा अधिवेशन उत्साह पूर्ण संपन्न
वर्धा (कारंजा) : एकता हर समाज की ताकत होती है। एकता से ही सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। बालाघाट शिवनी के सांसद ढालसिंह बिसेन ने आग्रह किया कि इस एकजुटता को प्रतिभावान छात्रों को समर्थन देने और उनके साथ खड़े होने के काम में लाया जाना चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा के संविधान में संशोधन को मंजूरी दी गई और सामाजिक एकीकरण पर मुहर लगा दी गई।
राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा के पवार, पोवार, परमार, भोयर, पवार समाज का अखिल भारतीय अधिवेशन शनिवार को कारंजा (घा.) के भोयार-पवार समाज हॉल में संपन्न हुआ. इस अवसर वे उदघाटक के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी. मुरलीधर टेंभरे थे। अधिवेशन के स्वागत अध्यक्ष प्रो. भगवान बग्नगरे थे।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवक शंकरलाल पवार, कारंजा नगरपंचायत के उपाध्यक्ष भगवान बुवाडे, जिल्हा परिषद के पूर्व अध्यक्षा सरिता गाखरे, भोयर पवार महासंघ के अध्यक्ष डाॅ. नामदेव राऊत, महासभे के पूर्व अध्यक्ष टी.डी.बिसेन, उज्जैन के वेदप्रकाश सिंग पवार, राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा संघटन सचिव खेमेंद्र कटरे, उपाध्यक्ष राजेंद्र पटले, अशोक बिसेन, पूर्व अधिष्ठाता गौरीशंकर टेंभरे, महेंद्रसिंग परमार, प्रल्हाद सिंग परमार, श्रावण फरकाडे, प्रा. डॉ. तीर्थनंदन बनगरे, पृथ्वीराज रहांगडाले, अशोक पाठे, माजी प्राचार्य हेमंत ढोले, राज हरणखेडे, प्रभाकर देशमुख, द्वारका प्रसाद हरिणखेडे, महेश परमार, दिलीप पारधी, रुपेंद्र कटरे, आदीं की उपस्थिती रही।
कार्यक्रम में गणमान्य लोगों ने कहा कि समुदाय की स्थानीय भाषा को संरक्षित करना और समुदाय के रीति-रिवाजों का पालन करना आवश्यक है। अखिल भारतीय पंवार, पोवार, परमार, भोयर, पवार सब एक हैं और सामाजिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाज एक हैं और चूंकि हम एक हैं, इसलिए उन्होंने आशा व्यक्त की कि अखिल भारतीय स्तर पर भी रोटी-बेटी का व्यवहार होना चाहिए।
देश भर से समुदाय के सदस्य आए
इस सम्मेलन में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा और अन्य हिस्सों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। परिचय भगवान बगनगरे, कारंजा तालुका अध्यक्ष द्वारा किया गया था।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य के लिये नर्सींग अभ्यासक्रम में देश में 63वां एवं राज्य में प्रथम क्रमांक आने पर कु. देवेश्री पारधी व चक्रवर्ती राजाभोज की प्रतिमा हेतु जगह दान देने पर संतोष बोपचे, पीएचडी प्राप्त करने पर पत्रकार डॉ. गणेश खवसे, डॉ. योगेश किनकर आदि का सत्कार किया गया।
संचालन इंदिरा कालभूत व एस.एम.पारधी ने किया।उपस्थितितो का आभार किशोर हजारे ने माना। कार्यक्रम को सफल बनाने राजेश डोंगरे, सुहास टोपले, बाबाराव मानमोडे, सारंग बनगरे, किशोर हजारे, हेमंत बन्नगरे, सचिन भादे, मोहन डोबले, रोशन चौधरी, गजानन चौधरी, टिकाराम चौधरी, टिकाराम घागरे, योगीता खवशी, संगीता डोबले, संगीता दिग्रसे, अनुसया डोबले, चंद्रकला चौधरी, ललिता घागरे, चेतना मानमोडे, हरिभाऊ धोटे आदीं ने सहयोग किया।