Saturday, July 27, 2024
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अक्षय तृतीया के दिन होनेवाले बाल विवाह रोके जाएं : अधिकारी ने किया आह्वान

गोंदिया : समाज में बड़े पैमाने पर व्याप्त अशिक्षा, पिछड़ापन, गरीबी, कम उम्र में विवाह करने की परंपरा, जाति व्यवस्था के कारण बाल विवाह का प्रमाण बढ़ रहा है। भारतीय संस्कृति में विवाह महत्वपूर्ण सर्वव्यापी सामाजिक कार्यक्रम है, जो शुभ मुहूर्त पर किया जाता है। अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त होने के कारण इस दिन अनेक स्थानों पर सामूहिक एवं पारिवारिक विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं। जिनमें बाल विवाह होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है और इस दिन भी बाल विवाह होने की संभावना है। 3 जून 2013 की अधिसूचना के अनुसार बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 की धारा 16 की उपधारा 1 एवं 3 के अनुसार बाल विकास प्रकल्प अधिकारी (नागरी) एवं प्रकल्प अंतर्गत नियुक्त आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका व ग्राम पंचायत स्तर पर संबंधित ग्राम पंचायत के ग्रामसेवक को बाल विवाह प्रतिबंधक अधिकारी घोषित किया गया है। जिसके कारण बाल विवाह रोकने और बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए अधिक प्रभावी प्रयास किए जाने आवश्यक है।
अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर अथवा अन्य समय में भी होने वाले विवाह समारोह में बाल विवाह न हो इसके लिए हर जिम्मेदार नागरिकों को सावधानी बरतनी चाहिए। 18 वर्ष से कम की कन्या एवं 21 वर्ष से कम के युवक का विवाह कानूनी अपराध है। बाल विवाह करना कानूनी अपराध है एवं ऐसा विवाह करने वाले को दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1 लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती है। बाल विवाह प्रतिबंधक कानून 2006 राज्य में लागू किया गया है। ऐसी स्थिती में यदि इसी गांव में बाल विवाह हो रहा हो तो इसकी जानकारी मिलते ही जिला महिला व बाल विकास अधिकारी कार्यालय के जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजानन गोबाडे, संरक्षण अधिकारी मुकेश पटले एवं आर टेंभूर्णे को अथवा चाईल्ड लाइन टोल फ्री क्र. 1098 पर तत्काल इसकी जानकारी दिए जाने का आह्ववान जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी गोंदिया ने किया है।

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