गोंदिया-कोहमारा मार्ग की घटना
गोंदिया. गोंदिया-कोहमारा नेशनल स्टेट हाईवे पर मुरदोली वन क्षेत्र में वाघदेव देवस्थान के पास 24 सितंबर दोपहर करीब 1 बजे के बीच अज्ञात वाहन की टक्कर से एक चीतल गंभीर रूप से घायल हो गया. इसी दौरान इस रास्ते से गुजर रहे राहगीरों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. इस बीच गोरेगांव वन क्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची और घायल चिताला को इलाज के लिए गोरेगांव के वन विभाग कार्यालय में ले गई.
पिछले महीने 11 अगस्त को इसी इलाके में एक कार की टक्कर से एक बाघ की मौत हो गई थी. एक माह के भीतर यह दूसरी घटना हुई है और वन्यजीव प्रेमियों ने यह भावना व्यक्त की है कि इस घटना से वन्यजीव सुरक्षित नहीं हैं. इस बीच अर्जुनी मोरगांव से रामटेक मार्ग तक राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 753 का निर्माण पूरा होने के एक से डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए महामार्ग पर कोई सूचना बोर्ड या यातायात अवरोधक नहीं लगाए गए. अगस्त माह में एक बाघ की मौत के बाद वन विभाग जागा और वन क्षेत्र में वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए सूचना बोर्ड लगाए. इस हाईवे पर तुरंत 26 स्पीड ब्रेकर लगाने की योजना तैयार की गई. लेकिन योजना अभी फाइल में है और स्पीड ब्रेकर अभी तक स्थापित नहीं किए गए है. इसी में एक और घटना घटीत हुई. उल्लेखनीय यह है कि राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 753 मुरदोली, गोरेगांव से होते हुए नागझिरा अभयारण्य और वन विभाग के जंगलों से होकर गुजरता है. वर्तमान में इस वन क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, चीतल, हिरण जैसे दुर्लभ प्रजाति के जंगली जानवर इस सड़क पर विचरण कर रहे हैं. लेकिन इस महामार्ग पर वाहन इतनी तेज गति से चल रहे हैं कि वन्यजीव इसकी चपेट में आ रहे हैं. इन वाहनों की चपेट में आने से कई जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है. खबर है कि गाड़ी का ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल हो गया है. इस बीच जब हमने घायल चीतल के संबंध में गोरेगांव वन परिक्षेत्राधिकारी मनोज गाढवे से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि चीतल को गोरेगांव के वन विभाग कार्यालय में लाया गया है और उसका इलाज चल रहा है.
अज्ञात वाहन की टक्कर से चीतल घायल
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