ग्राम सभाओं की होगी रिकार्डिंग
गोंदिया. ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतों के माध्यम से वर्ष में चार से पांच ग्राम सभाएं आयोजित की जाती हैं. इन ग्राम सभाओं में सरपंच सहित ग्राम नेता ग्राम सभा समाप्त होने के बाद ग्रामीणों के समक्ष सुविधाजनक मुद्दों को कार्यवाही में शामिल करके अपना उद्देश्य पूरा करते हैं. लेकिन अब यह परंपरा प्रभावित होगी और अब से ग्राम सभाओं की लाइव वीडियो-ऑडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. तो यही आदेश राष्ट्रीय ग्रामस्वराज्य अभियान के तहत राज्य भर के ग्राम पंचायत विभाग जिप को दिया गया है.
ग्राम स्तर पर किए जाने वाले विकास कार्यों, ग्राम हित के निर्णय ग्राम सभा में किए जाते हैं तथा उसकी योजना का अनुमोदन भी ग्राम सभा में किया जाता है. इन ग्राम सभाओं में ग्रामीण गांव में होने वाले कार्यों के बारे में निर्देश देते हैं. तदनुसार उन्हें योजना में शामिल किया गया है. इन ग्राम सभाओं की कार्यवाही ग्राम सेवकों द्वारा लिखी जाती है. लेकिन अधिकांश गांवों में सरपंच या ग्राम नेता अपने हित के निर्णयों को बैठक में प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें घुमा-फिराकर कार्यवाही में शामिल किया जा रहा है. इस तरह का अहसास होने पर कई बार विवाद भी खड़ा हो जाता है. साथ ही कई जगहों पर ग्रामीणों के केवल हस्ताक्षर लेकर ही दस्तावेज ग्राम सभा को दिखा दिए जाते हैं. लेकिन अब से इस तरह के आयोजनों पर लगाम लगेगी और ग्राम सभाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है. तो अब ग्राम सेवक और सरपंच या ग्राम नेता द्वारा कार्यवाही में की जा रही अनियमितता पर लगाम लगेगा.
बीडीओ की रहेगी निगरानी
प्रत्येक तहसील में ग्राम पंचायतें गुट विकास अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं. इसलिए गुट विकास अधिकारियों को यह सत्यापित करना होगा कि गांवों में ग्राम सभाएं आयोजित की गई हैं या नहीं. अपलोड किए गए वीडियो को स्वीकृत या अस्वीकार करने के लिए भी बीडीओ जिम्मेदार होंगे.
सरपंचों सहित ग्राम सेवकों में तनाव
हर बार ग्राम सभा आयोजित कर या दस्तावेज दिखाकर फैसले छुपाने पर अब रोक लगेगी. लेकिन ग्राम सभा में लिए गए सभी निर्णयों को 15 मिनट के वीडियो के जरिए अपलोड करने के फैसले से पारदर्शिता तो आएगी, लेकिन सरपंच और ग्राम सेवक की सिरदर्दी बढ़ जाएगी.
छायाचित्र (26 जेयुएलजीओ 14)
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