श्री के आगमन को लेकर कुंभारवाड़े गुलजार
गोंदिया. कोरोना संक्रमण काल के बाद हर जगह महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. महंगाई की मार से भगवान भी नहीं बचे हैं. हर वस्तु के दाम बढ़ने के कारण इस साल मिट्टी के गणपति भी काफी महंगे हैं. इस बीच 19 सितंबर को जिले के 6 हजार से ज्यादा सार्वजनिक और निजी स्थानों पर गणराया की स्थापना की जाएगी और कुंभारवाड़े बप्पा इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं.
अधिक मास के कारण इस वर्ष महाराष्ट्र के प्रिय देवता गणपति बप्पा के आगमन में काफी देरी हुई. इस बीच मंगलवार को गणेश चतुर्थी पर बप्पा का आगमन होगा तो बुजुर्गों के साथ युवाओं का उत्साह भी चरम पर पहुंच गया है. जिले के ग्रामीण इलाकों में जहां कुम्हारों द्वारा मूर्तियां बेची जा रही हैं, वहीं शहर में भी कुछ जगहों पर दुकानें लगाई गई हैं. खासकर शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में आसपास के जिलों सहित मध्यप्रदेश राज्य के मूर्ति निर्माताओं ने अपनी दुकानें लगा रखी हैं. इस बीच गोंदिया जिले में सार्वजनिक और निजी गणपति की स्थापना के मद्देनजर गोंदिया शहर, गोंदिया ग्रामीण, रामनगर, रावणवाड़ी, तिरोड़ा, गंगाझरी, दवनीवाड़ा, आमगांव, सालेकसा, गोरेगांव, देवरी, चिचगड़, डुग्गीपार, नवेगावबांध, केशोरी व अर्जुनी मोरगांव के सभी 16 थाना क्षेत्रों में 673 सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडलों में होगी ‘श्री’ की स्थापना होगी. 5 हजार 471 घरों में होगा प्यारे बप्पा का आगमन इसमें विशेष रूप से जिले के 395 गांवों में एक गांव एक गणपति की अवधारणा के अनुरूप गणराय की स्थापना की जाएगी.
महंगाई की मार
इस साल के गणेश उत्सव पर महंगाई की मार पड़ती दिख रही है. क्योंकि सामग्रियों की कीमतें बढ़ गई हैं. इसलिए कारीगर भी इसे वहन नहीं कर सकते. कारीगरों का कहना है कि इस साल मूर्तियों की कीमतें बढ़ी हैं. खासकर देखने में आया कि जो गणेश प्रतिमा पिछले साल 700 रु. में खरीदी गई थी, उसे इस साल 1500 रु. तक खरीदना पड़ रहा है.