Saturday, July 27, 2024
Google search engine
HomeUncategorizedआदिवासियों का श्रद्धा स्थल कचारगढ़ में जयसेवा की गुंज

आदिवासियों का श्रद्धा स्थल कचारगढ़ में जयसेवा की गुंज


आदिवासी गोंड संस्कृति की पारंपरिक कला दिखी
गोंदिया. जिले के सालेकसा तहसील के दरेकसा रेलवे स्टेशन से तीन किलो मीटर दूर धनेगांव के घने जंगल में स्थित कचारगढ़ मेले की शुरुआत 22 फरवरी से हो गई है. जिसमें गोंडी धर्म की परंपरा, बोली भाषा, नृत्य, कला, रीति रिवाज, आदिवासी वेश भुषा, कला संस्कृति महोत्सव देखने को मिल रहे हैं. जिसमे आदिवासी गोंड समुदाय के आराध्य देवता मां काली कंकाली कुपार लिंगो कोयापूनम के दर्शन कर पूजा अर्चना करने देश भर के कई राज्यों के हजारों श्रद्धालु एकत्रित होकर कचारगढ़ श्रद्धा स्थल में पहुंच रहे हैं. कचाड़गड गुफा में आदिवासी समाज के कुल देवता का निवास है. प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा को देश भर में आदिवासी समाज अपने पूर्वजों को याद करके दर्शन कर रहे हैं. जिससे भक्तों के जय सेवा के जयकारों से गुंज से कचारगढ़ के आसपास का परिसर श्रद्धालु और उनके उद्घोष से गुंज रहा है.

आदिवासी कला व सांस्कृतिक महोत्सव
इस पांच दिवसीय यात्रा में देश भर से आ रहे अलग-अलग राज्यों के आदिवासी समाज गोंडी धर्म परंपरा, बोली भाषा, पूजाविधि, नृत्य, कला, वेशभूषा, रीति रिवाज व अलग-अलग वेशभूषा में बड़े पैमाने पर आदिवादियों गोंड पारंपरिक संस्कृति की कला व सांस्कृतिक महोत्सव देखने को मिल रहे हैं.

इन राज्यों से पहुंच रहे लाखों श्रद्धालु
आदिवासी समाज की पवित्र भूमी कचारगढ़ के राष्ट्रीय गोंडवाना महाअधिवेशन में आदिवासी गोड समाज अपने कुल देवता के दर्शन करने के लिए महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, गोवा व अन्य जगह से बड़े पैमाने में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, विधायकों का आगमन
पांच दिवसीय कचारगढ़ यात्रा में देश के केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, राज्य के आदिवासी मंत्री डा. विजयकुमार गावित, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नानाभाऊ पटोले के अलावा सांसद अशोक नेते, विधायक सहषराम कोरोटे व विभिन्न राजनीतिक क्षेत्र के पदाधिकारी व कार्यकर्ता व शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी, सचिव, जिलाधीश इस यात्रा में आदिवासी के श्रद्धा स्थल कचारगढ़ में पहुंच चुके है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments