जगह-जगह दरारें : सलाखे निकल रही बाहर
गोंदिया : कुछ साल पहले पुराने उड़ान पुल पर यातायात कम करने के लिए 54 करोड़ रु. की लागत से नया उड़ान पुल बनाया गया था. लेकिन पुल शुरू से ही विवादों में रहा. स्ट्रक्चरल ऑडिट से दोषपूर्ण निर्माण की सूचना मिली थी. लेकिन यातायात जारी है. अब पुल में जगह-जगह दरारें आ गई हैं और सलाखे बाहर निकल आई हैं. जिससे बड़ी दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
शहर को दक्षिण-पूर्व रेलवे लाइन द्वारा दो भागों में विभाजित किया गया है. दक्षिण से उत्तर की ओर जाने के लिए एक पुराना उड़ान पुल था. लेकिन पुल पुराना होने से रेलवे ने पुल पर भारी यातायात को प्रतिबंधित कर दिया था. जिससे राज्य सरकार ने विकल्प के रूप में एक और उड़ान पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. 54 करोड़ रु. खर्च कर डा. आंबेडकर चौक से लेकर सागरिका होटल तक एक नया उड़ान पुल बनाया गया. पुल निर्माण के दौरान इस पर ध्यान नहीं दिया गया. जिससे निर्माण दोषपूर्ण था. इस संबंध में निर्माण विभाग ने ही काम किया. यह भी सुझाव दिया गया था कि इस पुल पर भारी यातायात नहीं ले जाया जाना चाहिए. चार साल पहले रेल प्रशासन ने पुराने उड़ान पुल पर वाहनों की आवाजाही बंद करने का निर्देश दिया था. लेकिन पुराने पुल के दोनों तरफ एंटी हाइट की दीवारें लगाई गईं. चार पहिया वाहनों का प्रवेश बंद था. परिणामस्वरुप नये उड़ान पुल से भारी यातायात शुरु हुआ. नए उड़ान पुल में जगह-जगह दरारें आ गई हैं और सलाखे भी बाहर निकल रही हैं. शुरुआती दौर में निर्माण विभाग ने मरम्मत का काम किया लेकिन अब इस ओर अनदेखी का जा रही है. पुल के दोनों ओर गंदगी व मिट्टी का अंबार लगा हुआ है. इसे भी नहीं उठाया जाता है. पुल में जगह-जगह दरारें आने से बड़ा हादसा हो सकता हैं. वरिष्ठ अधिकारियों से इस पर ध्यान देने की मांग की गई है.
सोशल मीडिया पर फोटो वायरल
पिछले कुछ दिनों से नए उड़ान पुल की दुर्दशा दिखाने वाली तस्वीरें वायरल हो रही हैं. नागरिक लोक निर्माण विभाग की लापरवाही की शिकायत कर रहे हैं. लेकिन अभी तक कुंभकर्णी में सो रहा निर्माण विभाग नहीं जागा है. इस विषय में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी जवाब देने से बच रहे है और न ही पुल की मरम्मत की ओर ध्यान दिया जा रहा है.