पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठ रही उंगलियां
गोंदिया. तिरोड़ा शहर में 17 मई की रात में गंजबाजार परिसर के पास स्थापित किराना दुकान प्रो. महेश ओखानी, कहार मोहल्ला जानेवाले रास्ते पर स्थापित राधिका ज्वेलर्स प्रो. येरपुडे, विदर्भ टोबॅको बिडी कंपनी के पास स्थापित धनराज सेवकराम व उसके भाई मनोहर सेवकराम की इस तरह चारों दुकानों में रात में शटर लगे दरवाजे तोड़कर चोरी हुई. चोरी का सिलसिला लगभग शुरू है. लेकिन पुलिस प्रशासन सुस्त दिख रहा है. इसका ही नतीजा है कि इस तरह चोरियों के प्रकरण बढ़ रहे है. जबकी शहर में सीसीटीवी लगाए गए है. इन सीसीसीटी का फिर क्या फायदा, यह सवाल नागरिकों के मन में घर कर रहा है. शहर का यह परिसर सुरक्षित नहीं है. तब बाकी शहर के परिसर का क्या हाल होगा, यह मालिक ही जाने.
परिसर में अवैध धंदे वालों का बोलबाला
शहर के ही संत रविदास वार्ड, लोधीटोला व ग्रामीण में भी कई गांवों में अवैध शराब भारी मात्रा में उत्पादीत होती है. यह शराब जीन गांवों में उत्पादित नहीं होती, जैसे दारूबंदी गांव व अन्य कुछ उन गांवो में 24 घंटे शराब की पूर्ति की जाती है. पुलिस प्रशासन आज के हालत मे इतना सुस्त है कि इसके पूर्व कभी नहीं देखा गया. शहर में ही मोहनलाल चौक परिसर, जुनी बस्ती, किल्ला वार्ड यहां तो खुलेआम 24 घंटे बिक्री की जाती है. पानटपरियों पर गांजा आदि के शौकिनों की कतारे देखी जाती है. रास्ते पर पुलिस थाने के ही सामने अतिक्रमण तो बाकी शहर का क्या हाल होगा. सामाजिक एकता, अवैध धंदोपर रोक, शांति व सुव्यवस्था के लिए ही पुलिस विभाग की जवाबदारी रहती है. इस कार्य के लिए ही सरकार द्वारा पगार दिया जाता है. लेकिन शहर व तहसील में देखा जाय तो अवैध धंदो की बाढ़ सी आ गई है. चोरो को मलिदा व सन्याशी को फांसी वाली कहावत यहां चरितार्थ हो रही है. जिनको अपनी जबाबदारी सही मायने में नही निभाते आती, तब ऐसी ही अव्यवस्था निर्माण होना साहजिक है.