पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले ने दी जानकारी
गोंदिया. पूर्व पार्षद लोकेश (कल्लू) यादव को गुरुवार को अज्ञात लोगों ने माउजर पिस्तौल (बंदूक) से गोली मार दी. वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी अभी भी सही जानकारी नहीं दे रहे है. उन्होंने यह भी नहीं बताया कि बंदूक कहां छिपाई गई है. जिससे पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं. मुख्य आरोपी भीमनगर निवासी प्रशांत मेश्राम व उसका साथी रोहित मेश्राम फिलहाल फरार है. पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम नागपुर के कलमेश्वर निवासी गणेश शर्मा (21), अक्षय मधुकर मानकर (28), कुंभारेनगर निवासी धनराज उर्फ रिंकू राऊत (32), गौतमनगर निवासी नागसेन मंतो (41) बताया गया हैं.
पूर्व पार्षद कल्लू यादव 11 जनवारी की सुबह करीब 11.15 से 11.30 बजे के बीच रेलवे तालाब के किनारे स्थित मंदिर से पूजा कर दोपहिया वाहन से अपने घर लौट रहे थे. वह हेमू कॉलोनी से अपने घर ऑफिस जा रहे थे, तभी पीछे से आए बाइक सवार दो बदमाशों ने उन पर माउजर पिस्तौल (बंदूक) से गोली चला दी. दूसरी बाइक पर दो लोग सवार थे. पीठ में गोली लगने के बाद लोकेश यादव बाइक समेत गिर पड़े. मौजूद लोगों ने लोकेश यादव को इलाज के लिए शासकीय मेडिकल कॉलेज ले गए. प्राथमिक उपचार के बाद लोकेश यादव को नागपुर ले जाया गया. इस मुद्दे पर गोंदिया में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. इसलिए पुलिस ने तुरंत सूत्रों को स्थानांतरित कर दिया. 3 जांच टीमें गठित की गईं. पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले ने खुद इस मामले पर ध्यान दिया. तीन टीमें रवाना की गईं. एक टीम ने गोंदिया में ही जानकारी का मिलान शुरू कर दिया था. गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शूटरों का पता नागपुर के कलमना से चला. गणेश शिवकुमार शर्मा, अक्षय मधुकर मानकर को कलमेश्वर से हिरासत में लिया गया. उसका साथी कुंभारेनगर निवासी धनराज उर्फ रिंकू राऊत को गिरफ्तार गंगाझरी जंगल से पकड़ा गया. इसके अलावा नागसेन मंतो को गोंदिया से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है. हालांकि पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले ने बताया कि आरोपी गणेश शर्मा ने फरार आरोपी प्रशांत मेश्राम के कहने पर गोली चलाई, क्योंकि उसने उसे लोकेश यादव को मारने के लिए कहा था. लेकिन पुलिस भी हैरान है क्योंकि उसने यह साफ नहीं किया है कि आखिर इस विवाद की वजह क्या है.
22 जनवरी तक पीसीआर
न्यायालय ने चारों आरोपियों को 22 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. मामला अभी भी सुलझा नहीं है. इसलिए सूत्रों ने बताया कि पुलिस गिरफ्तार आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करेगी.