मुंबई : बीजेपी सांसद गिरीश बापट के निधन से खाली हुई पुणे संसदीय सीट के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर महा विकास आघाडी के भीतर ही खटपट शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह तय है कि महा विकास आघाडी पुणे सीट पर उम्मीदवार उतारेगी। हम बीजेपी के लिए पुणे की संसदीय सीट पर निर्विरोध चुनाव नहीं होने दे सकते। बीजेपी ने हमारे लिए कोई सीट निर्विरोध नहीं छोड़ी है। महा विकास आघाडी ने यह तय किया है कि अब जहां उप चुनाव होगा, वहां उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा।
दूसरी तरफ एनसीपी नेता तथा विधानसभा में नेता विपक्ष अजित पवार ने कहा कि इतनी जल्दी क्या है? गिरीश बापट के निधन को अभी तीन ही दिन हुए हैं। इंसानियत नाम की भी कोई चीज होती है। महाराष्ट्र की एक सभ्य राजनीतिक परंपरा है। अगर हम अभी से चुनाव की बात करने लगेंगे, तो लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे।
बीजेपी में भी मंथन
दूसरी तरफ पुणे की खाली हुई सीट के लिए होना वाला उप चुनाव बीजेपी निर्विरोध कराना चाहती है। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में उप चुनाव निर्विरोध कराने की परंपरा रही है। पुणे सीट का उप चुनाव निर्विरोध कराने के लिए वह दूसरे राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं से मिलकर जल्द ही बात करेंगे। एक तरफ बीजेपी इस सीट पर निर्विरोध चुनाव कराने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के भीतर इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि उप चुनाव में किसे उम्मीदवारी दी जाए।
ब्राह्मण प्रत्याशी पर बीजेपी लगाएगी दांव!
पुणे संसदीय क्षेत्र की कसबा विधानसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में बीजेपी की शर्मनाक हार से बीजेपी सहमी हुई है। इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार न दिए जाने को लेकर पुणे के ब्राह्मणों में जबरदस्त गुस्सा था, जिसने इस सीट पर बीजेपी को 25 वर्षों से मिल रही जीत को हार में बदल दिया था। दिवंगत सांसद गिरीश बापट भी ब्राह्मण थे, इसलिए इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार देने का दबाव बीजेपी पर बहुत ज्यादा है।
राज्य में बीजेपी के पास इस समय देवेंद्र फडणवीस से बड़ा बीजेपी नेता कोई नहीं है, इसलिए इस मामले में उनके फैसले को ही तरजीह दी जाएगी। बीजेपी के पास पूर्व सांसद अनिल शिरोले के रूप में एक उम्मीदवार हैं। शिरोले चूंकि 2014 में पुणे सीट से बीजेपी के सांसद रह चुके हैं, लेकिन अगर उन्हें टिकट दिया गया, तो ब्राह्मण फिर से बिदक सकते हैं।