कर्ज कैसे चुकाएं, किसानों में दुविधा
गोंदिया : सरकार ने नियमित फसल ऋण चुकाने वाले धान किसानों को 50 हजार रु. प्रोत्साहन निधी देने की घोषणा की लेकिन बैंक खाते में राशि जमा नहीं कराई गई. इसके अलावा जिले के किसानों को खरीदी केंद्र पर बेचे गए धान के 56.20 करोड़ रु. चुकारे अब तक नहीं मिले. सरकार द्वारा घोषणा के बावजूद किसानों को बोनस तक नहीं मिला है. जिससे किसान आर्थिक संकट में फंस गया. इस बीच, वित्तीय वर्ष की समाप्ति के कारण, जब फसल ऋण चुकाना जरूरी होता है. पर किसानों के हाथ में कोई पैसा नहीं है. दूसरी ओर मार्च एंडिंग के नाम पर बैंक कर्ज की वसूली के लिए तगादा किया जा रहा है. जिससे किसानों पर साहुकारों के दरवाजे पर जाने की नौबत आ गई है. उल्लेखनीय है कि महा विकास आघाड़ी सरकार ने नियमित रूप से कर्ज चुकाने वाले किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर महात्मा फुले कर्जमुक्ति योजना के तहत 50 हजार रु. तक नुदान देने की घोषणा की थी लेकिन बीच में सत्ता परिवर्तन के चलते घोषणा हवा हो गई. ऐसे में सत्ता में आई शिवसेना (शिंदे समूह) और फडणवीस सरकार ने भी धान किसानों को प्रोत्साहन राशी देने की घोषणा की. इसका कुछ किसानों को फायदा हुआ. लेकिन अधिकांश किसान अभी भी लाभ का इंतजार कर रहे हैं. इसी प्रकार शासकीय आधारभूत धान खरेदी केंद्र पर धान बिक्री करने वाले धान उत्पादकों को हेक्टरी 15 हजार रु. बोनस की घोषणा वर्तमान सरकार द्वारा की गई. लेकिन अभी तक किसानों के बैंक खाते में बोनस राशि जमा नहीं हो सकी है. वहीं सरकार ने खरीफ सीजन में जिले के किसानों से 814 करोड़ 90 लाख रु. मूल्य का 39 लाख 92 हजार क्विंटल धान खरीदा है. जिसमें से किसानों को 56 करोड़ 20 लाख, 42 हजार 743 रु. का भुगतान नहीं हो पाया है. मार्च एडिंग होने से विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा वसूली अभियान शुरू किया गया है. इसमें बैंकें भी शामिल है. पैसा नहीं होने से किसान आर्थिक संकट में है. और फसल कर्ज कैसे चुकाएं इस संकट किसान फंस गए है.
1.15 लाख किसानों को बोनस का इंतजार
शासन द्वारा धान उत्पादक किसानों को 2 हेक्टेयर तक के 15 हजार प्रति हेक्टेयर बोनस देने की घोषणा की है. इसके अनुसार जिले के 1 लाख 15 हजार 836 किसानों का पंजीयन संबंधित विभाग द्वारा किया जा चुका है. लेकिन अभी तक इन किसानों के बैंक खाते में बोनस की राशि जमा नहीं की गयी है. किसान बोनस का इंतजार कर रहे हैं. इस संदर्भ में जिला पणन अधिकारी विवेक इंगले के अनुसार खरीफ सीजन में खरीदे गए धान के कुछ किसानों को भुगतान नहीं हुआ है. इस संबंध में वरिष्ठों से पत्रव्यवहार किया गया है. राशि मिलते ही भुगतान किया जाएगा.