न बोनस और न ही भुगतान, सिर्फ वादे : दो महीने बीतने के बाद भी जीआर नहीं
गोंदिया : राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर शीतकालीन सत्र में धान उत्पादक किसानों को 15 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस देने की घोषणाा की थी, लेकिन इस घोषणा को दो महीने बीत गए, पर अभी तक जीआर जारी नहीं किया है.
महीने भर से धान का 600 करोड़ रुपए का बकाया होने से किसान आर्थिक संकट में है. न कोई बोनस है, न कोई भुगतान, सिर्फ वादे ही किए जा रहे है. सरकारी धान खरीदी केंद्र में धान बिक्री करने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन अनुदान के रूप में प्रति क्विंटल बोनस दिया जाता है. इस वर्ष राज्य सरकार ने धान के लिए प्रति क्विंटल की जगह 15 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस देने की घोषणा की है. इसके लिए दो हेक्टेयर तक की सीमा तय की गई है. बोनस या बोनस के लिए पात्र किसानों की संख्या अभी तक निर्धारित नहीं होने से पूर्व विदर्भ के पांच से छह लाख के किसानों में असमंजस की स्थिती पैदा हो गई है. जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने अब तक 1,05,164 किसानों से 37,62,000 क्विंटल धान खरीदा है. खरीदे गए धान की कीमत 1110 करोड रुपए है. जिसमें से जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने अब तक 45 हजार किसानों के बैं खातों में 420 करोड रुपए जमा कराए है. सरकार ने इस वर्ष खरीप मौसम में 39,12,736 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया था. अब सरकारने धान खरीद की समय सीमा 15 फरवरी तक बढा दी, लेकिन इसके बाद 20 से 25 हजार क्विंटल धान की ही खरीदी हो सकी है. इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं होने की आशंका है.
रवि ठकरानी ( प्रधान संपादक)
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