ट्रैक्टर मालिक कर रहे नियमों का उल्लंघन
गोंदिया. जिले में देखा जा रहा है कि सरकार की कृषि नीति के तहत कृषि उपयोग के लिए ट्रैक्टरों पर मिलने वाली छूट का लाभ कई ट्रैक्टर मालिक उठा रहे हैं और कृषि उपयोग के लिए ट्रैक्टर का उपयोग कर गौण खनिज परिवहन के लिए उसका व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं. यह चौंकाने वाला तथ्य है कि इससे सरकार के राजस्व को लाखों का नुकसान हो रहा है. उल्लेखनीय यह है कि अवैध गौण खनिज तस्करी में भी सैकड़ों ट्रैक्टरों को अग्रणी के रूप में देखा जाता है. लेकिन संबंधित विभाग की अनदेखी समज के परे है.
कृषि ट्रैक्टरों का व्यवसायिक उपयोग करने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इसके अलावा उक्त ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने का प्रावधान है. वहीं इस बात पर हैरानी जताई जा रही है कि उपप्रादेशिक परिवहन कार्यालय जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर रहा है. नया ट्रैक्टर खरीदते समय और उसे उपप्रादेशिक परिवहन कार्यालय में पंजीकृत कराते समय यह पंजीकृत किया जाता है कि ट्रैक्टर का उपयोग कृषि कार्य में किया जाएगा. इसलिए इस पर लगने वाले टैक्स से छूट मिलती है. फिलहाल जिले में ऐसे कई ट्रैक्टर सड़कों पर दौड़ रहे हैं. सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है. इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को रियायतें दी जाती हैं. जिससे किसानों को फायदा हो रहा है. लेकिन अन्य कृषि योजनाओं की तरह इन योजनाओं का लाभ किसानों के नाम पर दूसरे लोग उठा रहे हैं. जिले में अधिकांश किसानों के पास कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर हैं, जबकि कुछ ने व्यवसायिक कार्य के लिए ट्रैक्टर ले रखा है. नियमानुसार कृषि कार्य के लिए लिए गए ट्रैक्टरों का उपयोग कृषि कार्य में किया जाना चाहिए. लेकिन कई लोग खेती के सातबारा पर ट्रैक्टर लेकर उसका व्यवसायिक कार्य के लिए खुलेआम उपयोग कर रहे हैं. इसमें ज्यादातर ठेकेदार, बिल्डर और रेत माफिया शामिल हैं. जिससे सरकार को करोड़ों रु. के राजस्व का नुकसान हो रहा है. जबकि संबंधित उपप्रादेशिक परिवहन विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ा हो रहा है.
समन्वय की जरूरत
यदि राजस्व विभाग यह जांच कर ले कि गौण खनिजों के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टर कृषि योग्य हैं या व्यावसायि, तो इससे बचा जा सकेगा. अगर उपप्रादेशिक परिवहन कार्यालय, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग समन्वय बनाकर इस मामले पर ध्यान दें और समय-समय पर कार्रवाई करें तो इस पर लगाम लगने की संभावना है.
कार्रवाई भी संदेह के घेरे में
जिले में अवैध रेत या गौण खनिज परिवहन करते समय अक्सर ट्रैक्टरों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. लेकिन इस दौरान यह नहीं पुछ़ा जाता की उक्त ट्रैक्टर व्यावसायिक है या कृषि कार्य का. अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जहां ट्रैक्टर पकड़ने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती.