मजदूरों को नहीं करना पड़ेगा पलायन
गोंदिया. सरकार के नए निर्णय के तहत मनरेगा योजना की जिम्मेदारी सरपंच व ग्राम सचिव की बजाए पंचायत समिति के राजपत्रित गट विकास अधिकारियों को सौंपी गई है. जिस वजह से राज्य के गट विकास अधिकारियों ने मनरेगा के कामों पर बहिष्कार किया था. जिससे मनरेगा के काम ठप हो गए. काम शुरू नहीं होने से लाखों मनरेगा मजदूरों को काम की तलाश में अन्य प्रांतों में पलायन करना पड़ा. जिसे ध्यान में रखते हुए शासन ने गट विकास अधिकारियों को बहिष्कार आंदोलन पीछे लेने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि जल्द ही मांगों को सुलझाया जाएगा. आश्वासन मिलते की गट विकास अधिकारियों ने आंदोलन पीछे ले लिया है. अब लाखों मजदूरों को 15 मई से काम मिलना शुरू हो जाएगा, ऐसी उम्मीद है. उल्लेखनीय केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना में से एक महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना है. यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस योजना के माध्यम से प्रत्येक पंजीकृत मजदूर परिवारों को 100 दिन काम मिलता है. ग्रीष्मकाल में मनरेगा के काम शुरू रहने से मजदूरों को गांवो में ही काम मिल जाता है. इस योजना पर नियंत्रण की जिम्मेदारी ग्राम सचिव व सरपंचों की होती है. लेकिन शासन ने नया निर्णय लिया है कि इस योजना पर नियंत्रण पंस के गट विकास अधिकारियों पर रहेगा. इसी निर्णय के खिलाफ राजपत्रित अधिकारी के गट विकास अधिकारियों ने मनरेगा के कामों पर बहिष्कार कर दिया है. कामों के मस्टर नहीं निकलने के कारण लाखों मजदूरों को काम से वंचित रहना पड़ा. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा काम शुरू नहीं होने से लाखों मजदूरों ने काम की तलाश में अन्य प्रांतों में पलायन करना शुरू कर दिया है. इस विषय को लेकर विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाशित कर शासन का ध्यान आकर्षित करने का कार्य किया गया है. जिसे गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास व पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनरेगा व आयुक्त ने राजपत्रित अधिकारी संगठन के अधिकारियों को चर्चा के लिए 8 मई को बुलाया गया था. जिसमें अधिकारियों को उपरोक्त परिस्थिति से अवगत कराकर आश्वासन दिया कि जल्द ही इस निर्णय पर सकारात्मक विचार कर समस्या हल की जाएगी. यह आश्वासन दिया गया. आश्वासन पर संगठन ने आंदोलन पीछे लेने की घोषणा की.
आश्वासन पर खत्म किया आंदोलन
अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास व पंचायत राज विभाग के उपर मुख्य सचिव व आयुक्त के आश्वासन पर महाराष्ट्र विकास सेवा राजपत्रित अधिकारी संगठन ने आंदोलन पीछे ले लिया है. अब नियमित मनरेगा के कामों को शुरू करने का निर्णय संगठन द्वारा लिया गया है.
अजितसिंग पवार, बीडीओ, पंस, गोरेगांव
गट विकास अधिकारियों का आंदोलन खत्म
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