सुभाष गार्डन में झूले टूटे : कई बच्चे घायल
गोंदिया : गोंदिया शहर में मनोरंजन के लिए जयस्तंभ चौक के पास एकमात्र गार्डन है. पिछले कुछ वर्षों से नगर परिषद प्रशासन द्वारा गार्डन की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. गार्डन में लगे झूलों और अन्य खेल सामग्री की तूट-फूट हो गई है. जिससे बच्चों की जान को खतरा है. इस पर खेलते हुए कई बच्चे घायल हो चुके हैं. लेकिन नगर परिषद प्रशासन और पार्षदों, नेताओं का इस ओर ध्यान नहीं है.
गोंदिया जिला मुख्यालय का नगर पालका ए श्रेणी का है. शहर का कब्जा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की जनसंख्या 1 लाख 30 हजार 813 है. जबकि क्षेत्रफल 18.08 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है. गोंदिया नगर परिषद की स्थापना 1920 में हुई थी. पिछले चार वर्षों से गोंदिया नप को भी क्षेत्र के गांवों को जोड़कर महानगर पालिका में अपग्रेड करने पर विचार किया जा रहा है. उसके लिए सर्वे भी हो चुका है. लेकिन शहर में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं, नागरिकों के लिए सुविधाएं नहीं बनाई गई हैं. पिछले कई सालों से सुभाष गार्डन ही साधन बना हुआ है. रख-रखाव और मरम्मत के अभाव में इसे भी क्षति का सामना करना पड़ा. पहले यहां पक्षी और जंगली जानवर भी रहते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. बच्चों के खेलने के लिए झूले, स्लाइड और व्यायाम के उपकरण हैं. लेकिन छोटे बच्चों के लिए वर्षों से लगाए गए झुले और घसरनपट्टी की मरम्मत नहीं हो पाई है. या इसके स्थान पर कोई अन्य स्थापित नहीं किया गया था. इसलिए उनमें जंग लग गया है. सामग्री जगह-जगह टूट गई है और बच्चे उस पर खेलते हैं. कई बार बच्चे उन सामग्री से गिरकर घायल भी हो जाते है. कई लोग जंग लगे और टूटे खिलौनों की चपेट में आने से घायल भी हुए. लेकिन अभी तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया है.
गार्डन के खिलौनों से बच्चों की जान को खतरा
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