भंडारा : जिले के पवनी तहसील अन्तर्गत वन्यजीव अभयारण्य उमरेड-पवनी-करहाण्डला में ग्राम पाहुनगाँव, कवड़शी, गायडोंगरी गाँव सटे हुए हैं, इस अभ्यारण से सटे होने से इन गाँवो के नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गाँवो के एक तरफ जंगल व दूसरी तरफ मरु नदी होने से ये गाँव जलमग्न क्षेत्र है। यहां नदी के बांध का पानी भरा होने से 70 प्रतिशत जमीन गीली रहती है। इतना ही नहीं इन गाँव के एक तरफ गोसे खुर्द प्रकल्प का डूब क्षेत्र व दूसरी ओर वन्यजीव अभ्यारण्य होने से ये गाँव दोहरी दुविधा में फंसा हुआ अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। इस मामले पर भंडारा जिले के पूर्व पालकमंत्री एवं राज्य के पूर्व वन राज्यमंत्री डॉ. परिणय फुके से ग्रामीणों ने भेंट कर पाहुनगाँव, कवड़शी, गायडोंगरी गाँव को वन्यजीव अभ्यारण्य में शामिल कर गाँव को उचित मुआवजा व गाव के पुनर्वसन की मांग की थीं।
इस विषय को गंभीरता से लेते हुए पूर्व वन राज्यमंत्री एवं जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके ने राज्य के वनमंत्री सुधीर मुंनगटीवार से भेंट कर भंडारा जिले के पवनी तहसील के इन गाँव की स्थिति से अवगत कराया तथा इन गाँवो को वन्यजीव अभ्यारण्य में शामिल कर उन्हें उचित मुआवजा व गाँव के पुनर्वसन की मांग की। श्री फुके ने कहा, ये गाँव एक तरफ वन्यजीव अभ्यारण्य से सटे होने एवं दूसरी ओर गोसेखुर्द प्रकल्प होने से दोहरी दुविधा में फंसे हुए है। गाँव जलमग्न रहता है वही 70 प्रतिशत जमीन गीली है। आसपास के गाँव गोसेखुर्द प्रकल्प में पुनर्वसन में शामिल है जबकि ईन गाँव को दूर रखा गया है। विशेष है कि गायडोंगरी गांव में घरों की संख्या 80/85 है और आबादी 400 है। साथ ही कवड़शी में घरों की संख्या 30 और जनसंख्या 160 है। वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भंडारा जिले के पवनी तहसील अंतर्गत इन तीन गाँव के मामले पर संज्ञान लेकर इनके उचित मुआवजे, पुनर्वास हेतु सकारात्मक पहल कर वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए है। पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके ने कहा, राज्य में स्थापित शिंदे-फडणवीस सरकार जनहित के लिए कार्य करने वाली सरकार है। सरकार हर स्तर पर नागरिकों की समस्याओं के समाधान एवं सुख-सुविधा हेतु ततपरता से खड़ी है। श्री फुके ने वनमंत्री सुधीरभाऊ मुंनगटीवार के सकारात्मक पहल पर उनका आभार माना।
गोसेखुर्द प्रकल्प व वन्यजीव अभ्यारण्य की दोहरी दुविधा में फंसे तीन गाँव को उचित मुआवजा व पुनर्वास हेतु शासन कटिबद्ध : डॉ. फुके
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