गोंदिया : शासन को गौण खनिज उत्खनन से बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त होता है. जिले में जिला खनिकर्म विभाग द्वारा अस्थाई रूप से गौण खनिज लाइसेंस अंतर्गत प्राप्त स्वामित्व धन तथा अवैध गौण खनिज उत्खनन पर कार्रवाई कर लगाए गए जुर्माने से बिते वर्ष में 32 करोड़ 60 लाख 70 हजार 265 रु. का राजस्व शासन की तिजोरी में जमा हुआ. जबकि जिले में रेती के घाटों की नीलामी नही हुई फिर भी राजस्व वसूली का 110 प्रश. लक्ष्य पुरा हुआ है. साथ ही मुरुम के भी राजस्व में वृध्दि हुई है. बिते वर्ष में खनिकर्म विभाग द्वारा सभी तहसीलों में गिट्टी खदान, मुरुम व रेत वहन के लिए अस्थाई गौण खनिज लाइसेंस देकर उससे करोड़ों रु. का स्वामित्व धन जमा किया गया है. साथ ही अवैध गौण खनिज उत्खनन यातायात करने वालों पर भी कार्रवाई कर उनसे 2 करोड़ 4 लाख 2 हजार 246 रु. का राजस्व वसूला गया.
जिला खनिकर्म अधिकारी सचिन वाढिवे के अनुसार जिले में सन 2022-23 में अस्थाई गौण खनिज लाइसेंस अंतर्गत स्वामित्व धन व अवैध गौण खनिज उत्खनन के मामलों से तहसील व जिला स्तर पर कुल 32 करोड़ 60 लाख 70 हजार 265 रु. का राजस्व जमा किया गया. जिसमें तहसील स्तर से 27 करोड़ रु. वसूले गए. यह पूर्ण राजस्व शासन की तिजोरी में जमा हुआ है. जिससे खनिकर्म विभाग ने राजस्व संकलन का लक्ष्य शत प्रश पुरा किया है.
नही हो रही रेती घाटों की नीलामी
जिले के 33 रेती घाटों की नीलामी से जिला प्रशासन को 17 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त होता है लेकिन पिछले 2 वर्षों से कोरोना की वजह से रेती घाटों की नीलामी हुई ही नही और इस वक्त रेती घाटों से संबंधित तैयार की गई नई नीतियों की वजह से नीलामी की प्रक्रिया में देरी होने से शासन को करोड़ों रु. का राजस्व प्राप्त नही हुआ.
तहसील अनुसार की गई कार्रवाई व दंड की राशि
तिरोड़ा तहसील में 18 मामले में 16.41 लाख रु. दंड की राशि वसूली गई, गोंदिया में 59 मामले में 87.02 लाख रु., देवरी में 13 मामले में 14.29 लाख रु., आमगांव में 11 मामले में 15.58 लाख रु., सालेकसा में 19 मामले में 16.14 लाख रु., अर्जुनी मोरगांव में 24 मामले में 30.5 लाख रु. व सड़क अर्जुनी तहसील में 15 मामले में 20.39 लाख रु. दंड की राशि वसूली गई.
गौण खनिज उत्खनन से वर्ष भर में 32 करोड़ से अधिक राजस्व प्राप्त
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