किसानों के जीवन में जल क्रांति आने से सिंचाई के लिए उपलब्ध होगा पानी
गोंदिया. जलयुक्त शिवार अभियान राज्य की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस अभियान के तहत होने वाले कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे ने द्वितीय चरण में पात्र ग्रामों का चयन कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए.
जलयुक्त शिवार अभियान 2.0, जलशक्ति अभियान (कैच दी रॅन), गाद मुक्त बांध और गाद मुक्त शिवार, अमृत सरोवर, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-पानलोट विकास घटक 2.0 आदि को लागू करने वाली यंत्रणाओं की संयुक्त बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई थी. बैठक में जिप सीईओ अनिल पाटिल, जिला जल संरक्षण अधिकारी व सदस्य सचिव मृदा व जल संरक्षण विभाग अनंत जगताप, उप जिलाधिकारी (रोगायो) लीना फलके, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदूराव चौहान, ग्राम पंचायत लघु सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सत्यजीत राउत, भूगर्भ जल सर्वेक्षण विकास यंत्रणा के वरिष्ठ भूवैज्ञानिक सचिन खोड़े, जिला विकास अधिकारी (मनरेगा) डी.एस. लोहबरे, वन विभाग के प्रतिनिधी, भारतीय जैन संघ गोंदिया जिला अध्यक्ष हिरेन जैन, मंडल समन्वयक नितिन राजवैद्य उपस्थित थे. जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 के तहत पात्र गांवों का चयन कर जिले की कार्ययोजना तैयार की जाए. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कृषि के लिए सिंचाई सुविधाओं का निर्माण करना है. जलयुक्त शिवार के द्वितीय चरण में कृषि, जल संसाधन, वन, मनरेगा सहित अन्य संबंधित यंत्रणा अधिकाधिक कार्य प्रारंभ करें. जलयुक्त शिवार कार्यक्रम के अंतर्गत एकीकृत रूप से ग्रामवासियों, कृषकों व समस्त संबंधित विभागों के समन्वय से योजना व क्रियान्वयन, विभिन्न मृदाओं का खेत उपचार व जल संरक्षण, पुराने जल स्त्रोतों का सुदृढ़ीकरण, आवश्यकता अनुसार मरम्मत, गाद आदि हटाना सरकार की नीति के अनुसार जिले के 100 गांवों में जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 लागू किया जाएगा. इन गांवों के किसानों के जीवन में जल क्रांति आने से कृषि द्वारा कंप्यूटर प्रस्तुति के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, ऐसा भी जिलाधिकारी गोतमारे ने कहा है.
मनरेगा के लंबित कार्य आरंभ करें
अमृत सरोवर के तहत जिले में 30 कार्य प्रगति पर हैं और लंबित कार्यों को 15 मई तक पूरा करने की योजना बनाई जाए. गाद बांध व गाद शिवार अभियान के तहत अधिकाधिक गाद हटाने की योजना बनाकर जल संग्रहण को युद्धस्तर पर क्रियान्वित किया जाए. जलशक्ति अभियान (कैच दी रॅन) के तहत बारिश के पानी को संग्रहित किया जाए. मनरेगा के लंबित कार्यों को प्रारंभ किया जाए ऐसी सूचना गोतमारे ने दी. इस अवसर पर भारतीय जैन संघ (जिला गोंदिया) द्वारा कम्प्यूटर प्रस्तुति के माध्यम से गादमुक्त बांध की उपयोगी जानकारी दी गई.