माताओं के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही योजना
गोंदिया : माता मृत्यु दर व बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना को लॉकडाउन की अवधि में भी अच्छा प्रतिसाद मिला. योजना के तहत जिले को 55,716 का नामांकन लक्ष्य दिया गया था. जिले में 20 फरवरी, 2023 के अंत तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 57,217 माताओं को पंजीकृत किया गया है और जिले में पंजीकरण लक्ष्य का 103 प्रश. हासिल किया है. मां के बैंक खाते में 24 करोड़ 84 लाख 49 हजार रु. की राशि जमा की गई है. जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 1,63,345 आवेदन प्राप्त हुए हैं और आवेदन के अनुसार 1,50,200 माताओं को इस योजना का लाभ दिया गया है. इस योजना के कारण महिलाओं के बैंक खातों की संख्या में वृद्धि हुई है और शिशुओं के टीकाकरण की दर में भी वृद्धि हुई है. गरीबी रेखा से नीचे और गरीबी रेखा से ऊपर की कई गर्भवती महिलाएं जो आर्थिक रूप से कमजोर माताएं हैं उन्हें गर्भावस्था के अंतिम चरण तक और प्रसव के तुरंत बाद उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए योजना से लाभान्वित किया जा रहा है.
दैनिक श्रम करते हुए अधिक शारीरिक श्रम करने के कारण ऐसी माताओं के बच्चे कम वजन के पैदा होते हैं और कुपोषण मां से बच्चे में जाता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू की है. लाभार्थियों को उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में तीन किश्तों में पांच हजार रु. का भुगतान किया जाता है. इस योजना के लिए लाभार्थी और उसके पति का आधार कार्ड, लाभार्थी के आधार कार्ड से जुड़ा बैंक खाता, 150 दिनों के भीतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में गर्भावस्था का पंजीकरण, जन्म पंजीकरण प्रमाण पत्र और प्राथमिक टीकाकरण की आवश्यकता होती है. मातृवंदना योजना के क्रियान्वयन में आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, समूह प्रवर्तक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता-स्वास्थ्य सहायिका लाभार्थियों को प्रेरित कर रही हैं व तहसील कार्यक्रम सहायिका, तहसील समूह संगठक, चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, जिला समूह संगठक, जिला कार्यक्रम सहायक, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर की मदद से आवेदन पत्र भरने का प्रयास कर रहे हैं.
जिला स्तर से जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितिन वानखेड़े, जिला मातृ शिशु देखभाल अधिकारी दिनेश सुतार, जिला शल्य चिकित्सक डा. अमरीश मोहबे, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) अर्चना वानखेड़े और जिला कार्यक्रम समन्वयक कैलास खांडेकर तहसील स्तर से सभी तहसील स्वास्थ्य अधिकारी समय-समय पर पहल कर रहे हैं.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितिन वानखेड़े ने सुझाव दिया है कि इस योजना ने पहले बैच की माताओं को सरकार द्वारा प्राप्त वरदान के रूप में जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में योगदान दिया है. प्रधानमंत्री मातृवंदना जिला कार्यक्रम समन्वयक कैलास खांडेकर ने योजना के लाभ के लिए पहले बैच की सभी माताओं को पंजीकरण कराने का आव्हान किया है. साथ ही महाराष्ट्र में गोंदिया जिला करेक्शन क्यू में तीसरे स्थान पर है, इसलिए इसे कम करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देशित किया है. शेष लाभार्थियों के लिए 23 फरवरी से 27 फरवरी तक शिविर लगाए गए हैं, वहीं सभी लाभार्थियों से अनुरोध किया गया है कि वे नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर लाभ उठाएं.
जिलाधीश चिन्मय गोतमारे व जिला परिषद सीईओ शीतल पुंड ने अपील की है कि जिले की सभी पात्र गर्भवती माताएं प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना से वंचित न रहे इसके लिए सभी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का प्रयास जारी रहेगा.
जिले में प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना अग्रसर
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