गोंदिया : मलेरिया बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से रक्त नमूनों की जांच निरंतर की जा रही है. जनवरी से लेकर मई माह तक 1 लाख 90 हजार 968 रक्त नमूनों की जांच की गई. जिसमें 29 मरीज मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं. समय पर उपचार होने से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई.
गोंदिया जिले में लाखों की संख्या में तेंदूपत्ता मजदूर है. जो अन्य प्रांतों में तेंदूपत्ता तुड़ाई के लिए पलायन करते हैं. इसी प्रकार रोजगार की तलाश में हजारों बेरोजगार व मजदूर देश के विभिन्न प्रांतों में जात हैं. इस दौरान वे दूषित जल तथा विषैले मच्छरों के संपर्क में आते है. इतना ही नहीं परिसर की साफ-सफाई समय पर न होने से मलेरिया के मच्छरों का जन्म होता है और यहीं मच्छर उनके संपर्क में आनेवाले को काट देते हैं. जिस कारण मलेरिया के मरीज बढ़ जाते है. जिले में अनेक मरीजों पर समय पर उपचार नहीं होने से उनकी मृत्यु भी हो चुकी है. जिला स्वास्थ्य के मलेरिया विभाग व आशा सेविकाओं के माध्यम से रक्त नमूनों की जांच की जा रही है. जून माह में तो घर-घर जाकर अभियान शुरू कर दिया है. इस संदर्भ में जिला मलेरिया विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि जनवरी से मई माह तक अर्थात 5 माह में 1 लाख 90 हजार 968 नागरिकों के रक्त नमूनों की जांच की गई है. जिसमें 29 नागरिकों के रक्त नमूने दूषित पाए गए हैं. अर्थात 29 नागरिक मलेरिया से पीड़ित पाए गए. समय पर उपचार मिलने से सभी उपरोक्त मरीज स्वस्थ्य हो चुके है. निरंतर रक्त जांच अभियान चलाए जाने से मलेरिया बीमारी पर स्वास्थ्य विभाग को नियंत्रण पाने में सफलता मिली है.
जिले में मलेरिया के 29 मरीज
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