गोंदिया. आगामी 4 जनवरी 23 को बिलासपुर में आयोजित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोनल रेलवे कमेटी की बैठक में वरिष्ठ सदस्य गोपाल अग्रवाल द्वारा पूर्वी विदर्भ के रेलवे स्टेशनों को न्याय दिलाने हेतु महत्वपूर्ण प्रस्ताव चर्चा हेतु रखा जाएगा. प्रस्ताव के बाबद मंत्रालय की मंशा जानने के लिए प्रस्ताव पहले ही प्रेषित कर दिया गया है. प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि गोंदिया-तिरोडा- तुमसर -भंडारा-इतवारी-सौंदड, नागभीड-वडसा-चांदाफोर्ट आदि जितने भी स्टेशन महाराष्ट्र के पूर्वी विदर्भ में द.पू.म. रेलवे बिलासपूर के आधीन है उनको मध्य रेलवे मुंबई के अधीन किया जाए. इस प्रस्ताव के लागू होने से इस क्षेत्र में रेलवे सुविधाओं का कायाकल्प तेज गती से होगा. इस क्षेत्र के विधायकों और सांसदो का अभी रेल बाबद उच्च अधिकारियों से चर्चा करने बिलासपूर छत्तीसगढ़ जाने में भारी असुविधा महशुस कर रहे है जबकि मध्य रेलवे का मुंबई में मुख्यालय है और वहां जनप्रतिनिधीयों का वहां अक्सर जाना आना लगा रहता है. इस प्रकार रेलयात्रियों के काम ये प्रतिनिधि शीघ्रतापूर्वक निपटा सकेंगे.
इसके अलावा विगत 20 वर्षो से जबसे बिलासपूर जोन बना है, ज्यादा यात्री सुविधाएं छत्तीसगढ़ के स्टेशनो को ही मुहैया करवाई जा रही ही है. उदाहरण के तौर पर चांदाफोर्ट, इतवारी, गोंदिया भंडारा रोड, वडसा का विकास शून्य जैसा है. यहां से नई ट्रेने प्रारंभ करने के बारे में विचार नहीं किया जाता है. जबकि गेवरा रोड, कोरबा, बिलासपूर रोड रायपूर, दुर्ग जैसे स्टेशनो से प्रतेदिन करीब 400 यात्री गाड़ीया छुटती है और वहां आकर समाप्त होती है. गाड़ीयों के स्टापेज, पुजा स्पेशल दुरंतो, समर स्पेशल, आदि को विदर्भ के स्टेशनो पर स्टॉपेज कम ही मिलता है. गोंदिया रेलवे स्टेशन से महाराष्ट्र एक्सप्रेस और विदर्भ एक्सप्रेस छुटती है ये दोनों ट्रेन द.पू.म. बिलासपूर ने प्रदान नहीं की है. करीब 20 ट्रेन उ.प्र., बिहार, झारखंड, ओडिसा से आकर दुर्ग में समाप्त हो जाती है. उनको विदर्भ के गोंदिया या इतवारी तक विस्तार क्यो नहीं किया जाता है, यह प्रश्न भी अग्रवाल ने प्रेषित किया है.
जोनल रेलवे बैठक में पूर्वी विदर्भ के रेलवे स्टेशनों का मुद्दा उठेंगा
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