लाखनी में सम्बंधित अधिकारियों की बैठक लेकर दिए 8 दिन में कार्य पूर्ण करने के निर्देश
गोंदिया. आगामी 8 मार्च महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महत्वाकांक्षी झाँसीनगर उपसा सिंचन योजना टप्पा-1 अंतर्गत पांच गाँवों के धान उत्पादक किसानों को ग्रीष्मकालीन फसलों का लाभ प्रदान होने जा रहा है। इसके लिए पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर सिंचाई के लिए आवश्यक पानी का लाभ पांच गाँवों को देने के निर्देश दिए है।
पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके ने उपविभागीय अधिकारी श्री सहारे, तहसीलदार अनिरुद्ध कांबळे, उपसा सिंचन कार्यकारी अभियंता श्री पाटील, लघु पाटबंधारे के अभियंता समीर बनसोडे के साथ आज 1 मार्च को अपने लाखनी स्थित निवास स्थान पर बैठक ली।बैठक के दौरान श्री फुके ने आगामी 8 मार्च महाशिवरात्रि तक झाँसीनगर उपसा सिंचन योजना के टप्पा-1 अंतर्गत पांच गाँवों में जलसिंचन की व्यवस्था युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए।आगामी 8 मार्च को पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके के हस्ते नवेगांव बांध में जलपूजन किया जाएगा। इसका लाभ अर्जुनी मोरगांव तहसील के नवेगांव, देवलगाव, येरंडी, मुंगली, खोली इन पांच गाँवों को होगा। श्री फुके ने कहा, इन पांच गाँव को ग्रीष्मकालीन सिंचन का लाभ देने के साथ ही आगामी खरीफ सीजन में करीब 27 गाँव के किसान झाँसीनगर उपसा सिंचन योजना से लाभान्वित होंगे।
झांसीनगर टप्पा-2 के फारेस्ट में लटके कार्य को दिल्ली जाकर देंगे गति
इस बैठक के दौरान पूर्व पालकमंत्री डॉ. फुके ने झाँसीनगर टप्पा-2 के वनजंगल में बाधित कार्यो की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने डीएफओ मोहन पंचभाई, सीसीएफ महेश गुप्ता व अन्य वन अधिकारियों से फोन पर बातचीत कर मामले का संज्ञान लिया व उचित दिशा निर्देश दिए। 4 हजार 225 हेक्टर जमीन सिंचित करने वाली ये उपसा सिंचन योजना फारेस्ट जमीन का ग्रहण लगने से आज भी अधूरी है और अनेक गाँव के किसान सिंचन से वंचित है।
जानकारी में ये मामला संज्ञान में आया कि झाँसीनगर उपसा सिंचन योजना का कार्य फारेस्ट क्षेत्र में बार बार हुए बदलाव के चलते रुका हुआ है। जिससे रामपुरी, चुटिया, तिड़का, बसबोडन, झांसी नगर, धाबेपवनी, धाबे टेकड़ी एवं येरंडी गाँव आज भी सिंचन से अछूते है।फारेस्ट में प्रकल्प कार्य रिजर्व फॉरेस्ट, एमपीडब्ल्यू एवं नवेगांव-नागझिरा तथा ईको सेंसेटिव जोन घोषित होने से फारेस्ट को भेजा गया प्रस्ताव मंजूर नहीं हो पाया। बताया गया कि राष्ट्रीय वन्यजीव मंडल पर फारेस्ट जाने से इन सबकी मंजूरी लेना आवश्यक है। इन सबके संयुक्त प्रस्ताव “केएमएल फाइल” हेतु जिलाधिकारी से एफआरए प्रमाण पत्र प्राप्त हो गया है तथा दिल्ली वन मंत्रालय से मंजूरी हेतु प्रस्ताव भेजा जाना है।पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके ने अधिकारियों को त्वरित प्रस्ताव बनाकर नागपुर वन विभाग कार्यालय को प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिए। तथा उन्होंने खुद इस प्रस्ताव के सम्बंध में दिल्ली वन मंत्रालय जाकर आने वाले दो सालों में फॉरेस्ट की आ रही बाधाओ को दूर करने की सहमति दर्शायी।