गोंदिया. आमगांव तहसील के भजियापार स्थित डामर प्लांट से निकलने वाले जहरीले धुएं और खदान में ब्लास्टिंग से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है. सांस संबंधी बीमारियों के मरीज भी बढ़े हैं. इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा के माध्यम से मासिक बैठक में गौण खनिज उत्खनन व अन्य प्लांट को दी गई मंजूरी को निरस्त कर गांव के नागरिकों के स्वास्थ्य को बरकरार रखा जाए, इस मांग को लेकर 1 फरवरी को प्रहार संगठन के जिला अध्यक्ष महेंद्र भंडारकर के नेतृत्व में जिलाधीश कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया.
भजियापार गांव के पास एक किलोमीटर की दूरी पर डामर का प्लांट है. इस भूखंड से निकलने वाले जहरीले धुएं से भजियापार, डोंगरगांव, सीतेपार, बुराटोला, नवेगांव, सुपलीपार, कट्टीपार के नागरिक सांस की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. यह बीमारी बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में अधिक आम है. बहुतों को हृदय रोग है. प्रदूषण के कारण खेती बंजर होती जा रही है. आंगनवाड़ी, स्कूल पास में है. इसका खामियाजा वहां के छात्रों को भी भुगतना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ब्लास्टिंग से घरों में दरारें आ रही हैं. ग्राम पंचायत ने ब्लास्टिंग व प्लांट बंद करने का प्रस्ताव पारित किया. पालकमंत्री से लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक तंत्र से न्याय की मांग की गई. लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई, ऐसा आरोप आंदोलनकारियों ने लगाया है.
डामर प्लांट बंद करने की मांग को लेकर आंदोलन
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