गोंदिया. गोरेगांव तहसील के म्हसगांव के ढिवरू इसन इडपाचे (55) की हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक के भतीजे म्हसगांव निवासी वीरेंद्र बेनीराम इलापाचे (28) को 4 मई की सुबह गिरफ्तार किया था. पता चला कि हत्या जमीन विवाद के कारण हुई है. लेकिन जांच के दौरान संदिग्ध ने कहा कि उसे अपने साथियों के साथ साजिश के तहत मारा गया है. उसने यह भी कहा है कि वह साजिश में शामिल है. इसलिए इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है और पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसलिए अब मुख्य आरोपी बदलने की संभावना है. तीनों में मुख्य आरोपी कौन? पुलिस उस दिशा में जांच कर रही है.
गिरफ्तार संदिग्धों के नाम म्हसगांव निवासी कुवरलाल उर्फ भूरू रामचंद इडपाचे (29) और बालकृष्ण प्रेमलाल मालकम (30) बताया गया हैं. पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार म्हसगांव में ढिवरू इडपाचे की हत्या के मामले में पुलिस ने फिर्यादी धनवंता ढिवरू इडपाचे (51) की शिकायत पर मामला दर्ज कर मृतक के भतीजे वीरेंद्र इल्पाचे को गिरफ्तार कर लिया. उसने जमीन के पुराने विवाद के चलते हत्या की बात खुद कबूली थी. इस बीच जब उसे न्यायालय में पेश किया गया तो न्यायालय ने उसे 9 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. जांच के दौरान आरोपी ने बताया कि हत्या की साजिश रची गई थी और वह हत्या की साजिश में शामिल था. उसने पुलिस को बताया कि इसमें कुछ और भी आरोपी हैं. इसके आधार पर पुलिस ने जांच का चक्र घुमाया और फिर से मृतक के घर के पास के दो संदिग्ध कुवरलाल इडपाचे और बालकृष्ण मालकम को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की. इस दौरान दोनों आरोपियों ने इस मामले शामिल होने व वीरेंद्र के जमीन के विवाद तथा संदिग्ध कुवरलाल के बीच जादूटोने संदेह का विवाद था. जबकि संदिग्ध बालकृष्ण का उधार के पैसों को लेकर विवाद था. तीनों ने मृत ढिवरू को घर में अकेला व सोता हुआ पाकर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी गई.