संघ के प्रशिक्षण वर्ग का समापन व हिंदू साम्राज्य दिवस मनाना
बालासोर ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों को दि श्रद्धांजलि
गोंदिया : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती या पुण्यतिथि नहीं मनाता है. इसलिए जिस दिन उनका राज्याभिषेक हुआ, उस दिन को हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका कारण यह है कि जब समाज आत्मविस्मृत था और कल्पना भी नहीं कर सकता था, उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज ने 18 पगड़ जातियों को लेकर अदम्य साहस और उत्साह से भरे समाज को संगठित किया और हिंदू स्वराज्य की स्थापना की. पिछले सात सौ आठ सौ सालों में ऐसा कारनामा कोई नहीं कर सका. संघ का गठन ऐसी ही परिस्थितियों में हुआ था और वह भारत माता को सर्वोच्च गौरव तक ले जाने के उद्देश्य से एक संगठित शक्ति का निर्माण कर रहा है, ऐसा प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विदर्भ प्रांत कार्यवाह अतुल मोघे ने किया.
स्थानीय लिटिल वुड्स स्कूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विदर्भ प्रांत प्रथम वर्ष (सामान्य) प्रशिक्षण वर्ग के समापन समारोह और हिंदू साम्राज्य दिवस समारोह आयोजित किया गया था. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डा. देवाशीष चटर्जी, प्रशिक्षण वर्ग अधिकारी श्याम पत्तरकिने, जिला संघ चालक लीलाराम बोपचे, नगर संघ चालक मिलिंद अलोनी उपस्थित थे. प्रारंभ में भारत माता और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की पूजा की गई. अतुल मोघे ने आगे कहा कि, जो हिंदू इस ब्रह्मांड को अपना घर यानी वसुधैव परिवार मानते हैं, वह कोई धर्म नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है. पूजा के तरीके का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन जो इस मातृभूमि के प्रति समर्पित हैं वे सभी हिंदू हैं. इसीलिए उन्होंने यह भी कहा था कि पहले हिंदू बाद में जातियां. छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हो चुके हैं. महाराज की प्रेरणा और जीवन के 51 वर्ष पूरे करने पर उन्होंने 6 वर्ष तक संघर्ष किया. इसलिए 30 साल के सुशासन ने एक हिंदू नौकरशाही का निर्माण किया. शिवाजी महाराज की प्रेरणा से संघ 98 वर्षों से एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन के रूप में कार्य कर रहा है. संघ पर कई आरोप लगाए गए, लेकिन संघ धैर्य और दृढ़ता से अपना काम कर रहा है. देश पर कोई संकट आता है तो संघ स्वयंसेवक सबसे आगे रहता है. आत्मीयता और समरसता की भावना पैदा कर समाज को जोड़ने का कार्य आत्म-अनुशासन से अनवरत चलता रहता है. इस मौके पर उन्होंने बालासोर ट्रेन हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी. प्रस्तावना में वर्ग पदाधिकारी श्याम पत्तरकिने ने बताया कि विदर्भ में 79 स्थानों से 16 से 40 वर्ष की आयु के 318 स्वयंसेवकों ने पिछले 20 दिनों से शुरू हुई संघ शिक्षा कक्षा में भाग लिया. 108 स्कूल, 172 कॉलेज और 38 व्यावसायिक प्रशिक्षु थे. इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति व स्वयंसेवक उपस्थित थे.
देश को महानता की ओर ले जाने के लिए संगठित समाज जरूरी : अतुल मोघे
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