जिले के सिक्ख, पंजाबी लोगों में रोष : मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन
गोंदिया. महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरुद्वारा तख्त श्री हजुर साहिब सचखंड बोर्ड नांदेड के एक्ट 1956 में संशोधन कर नया एक्ट गुरुद्वारा अधिनियम 2024 के घोषित व आदेशित किए जाने पर श्री गुरुद्वारा गुरुसिंग सभा व गोंदिया जिले के समस्त सिक्ख, पंजाबी लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए, इस एक्ट को पूर्ववत किया जाने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम जिलाधीश को सौंपा गया.
गोंदिया जिले का संपूर्ण सिक्ख समाज महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरुद्वारा तख्त श्री हजुर साहित सचखंड बोर्ड नांदेड के एक्ट 1956 में संशोधन कर नया काला एक्ट गुरुद्वारा अधिनियम 2024 के घोषित व आदेशित किए जाने के विरोध में अपना रोष प्रकट कर रहे है. गुरुद्वारा तख्त श्री हजुर साहिब देश-विदेश के लाखों भक्तों, श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक व धार्मिक केंद्र स्थल है. तथा यहां सब कुछ व्यवस्थित व निर्विघ्न रुप से संचालित है. वर्तमान में गुरुद्वारा एक्ट 1956 में किए गए सभी संशोधनों को रद्द कर पूर्व की भांति इसे एक्ट 1956 की तरह ही बहाल किया जाए. सिक्खों के दसवें गुरु गोविंदसिंगजी ने अपना अंतिम समय यहां पर व्यतित किया था और अनेकों धर्म के लोगों की रक्षा कर उनमें सेवा, देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत किया था. ज्ञापन के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए निवेदन करते है कि सरकार द्वारा नया संशोधित अधिनियम 2024 जो आदेशित किया गया है, उसे तुरंत प्रभाव से निरस्त कर इस एक्ट को पूर्ववत किया जाए. ज्ञापन सौंपते समय श्री गुरुद्वारा गुरुसिंग सभा के अध्यक्ष धनवंतसिंग भाटिया, जसजीतसिंह भाटिया, गुरभेजसिंह भाटिया, जसबीरसिंह मिशन, मंगतसिंह होरा, गुरदयालसिंह रमानी, हर्षमीतसिंह गुरदत्ता, महिंदरपाल बग्गा, तिरलोचनसिंह भाटिया, दिलीपसिंह भाटिया, प्रितपालसिंह होरा, इकबालसिंह टोनी होरा, गिन्नी भाटिया, अवनीतसिंह भाटिया, हरजीतसिंह जुनेजा, मनमोहनसिंह मान, बलबीरसिंह सलूजा आदि उपस्थित थे.
नया काला एक्ट तुरंत प्रभाव से निरस्त कर पूर्ववत करें
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