गोंदिया. जिले के एकमात्र लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में पहचाने जाने वाले नवेगांवबंध राष्ट्रीय उद्यान के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार गोंदिया-भंडारा के सांसद सुनील मेंढे को 6 मई को नवेगांवबंध फाउंडेशन की ओर से काले झंडे दिखाए गए. नवेगांवबांध राष्ट्रीय उद्यान में उनकी निर्माण कंपनी द्वारा किए गए उद्यान कार्य का उद्घाटन न करने के विरोध में नवेगांव बांध फाउंडेशन की ओर से आझाद चौक नवेगांवबंध पर काले झंडे दिखाए गए.
इस संबंध में जानकारी देते हुए नवेगांवबांध फाउंडेशन के अध्यक्ष रामदास बोरकर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2003-04 में नवेगांवबांध पर्यटन परिसर में उद्यान व कांफ्रेंस भवन के लिए करोड़ों की धनराशि प्राप्त हुई थी. उक्त कार्य अशफाक अहमद के सहयोग से किया जाना था. यह कार्य 2008-09 में किया गया. लेकिन इसमें कई विसंगतियां पाई गई थी. नवेगांवबांध संघर्ष समिति की ओर से मांग की गई थी कि किए गए कार्यों का उद्घाटन किया जाए अन्यथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसी मांग के आधार पर नवेगांवबांध राष्ट्रीय उद्यान बचाव संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने लोकायुक्त से गुहार लगाई थी. इसमें लोकायुक्त ने गोदिया जिले के तत्कालीन दो जिलाधीश और राज्य के प्रधान सचिव को दोषी ठहराया था. उस समय हमने मांग की कि उक्त कार्य का उद्घाटन किया जाए या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और हमने सांसद सुनील मेंढे से भंडारा के सरकारी विश्राम गृह में मुलाकात की और उनसे बगीचे की मरम्मत और उद्घाटन करने का अनुरोध किया. लेकिन अनेक वर्ष लोटने के बाद भी नवेगांवबांध उद्यान और कांफ्रेंस भवन का उद्घाटन नहीं होने के विरोध में सांसद सुनील मेंढे जलजीवन मिशन के भुमिपूजन के लिए आझाद चौक नवेगांवबांध पहुंचे, तब उन्हें काले झंडे दिखाए गए.
नवेगांवबंध फाउंडेशन ने सांसद मेंढे को दिखाए काले झंडे
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