गोंदिया : नवेगांव – नागझिरा टायगर रिजर्व बाघों की जन्नत बनता जा रहा है. वर्तमान में 12 बाघों का अधिवास होने से इस व्याघ्र प्रकल्प ने महाराष्ट्र में चौथा स्थान प्राप्त किया है. उल्लेखनीय है कि हर वर्ष बाघों की संख्या बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. पर्यटक बाघ देखने के लिए प्रतिदिन इस अभयारण्य में पहुंच रहे हैं.
नागझिरा टायगर रिजर्व केवल अभयारण्य के नाम से पहचाना जाता था. लेकिन बाघों की संख्या बढ़ाने व पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नागझिरा का बड़े पैमाने पर विस्तार किया गया. न्यू नागझिरा, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान, नवेगांव अभयारण्य व कोका वन्यजीव अभयारण्य को मिलाकर 12 दिसंबर 2013 को नवेगांव-नागझिरा नामक राज्य का 5वां टायगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया है. व्याघ्र आरक्षित क्षेत्र घोषित होते ही वन्यजीव ने इस अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया. वर्तमान में 12 बाघ होने की जानकारी दी गई है. बताया गया है कि वर्ष 2013 में 6 बाघ पाए गए थे. जिसमें से 2 मादा थी. वहीं 2014 में बाघों की संख्या कम होकर 3 पर आ गई थी. वहीं 2015 में बाघों की संख्या में वृद्धि होकर 7 पर पहुंच गई जिसमें 4 मादाएं व 3 नर बताए गए हैं. इस प्रकार वर्ष 2016 में 5 बाघ पाए गए. वर्ष 2017 में 8 बाघ जिनमें से 5 नर और 3 मादाओं का समावेश था. 2018 में 8, 2019 में 7, 2020 में 8, 2021 में 8 बाघ गणना में पाए गए. जिसमें 3 नर और 5 मादाओं का समावेश था और 2022 में सीधे बाघों की संख्या बढ़कर 12 पर पहुंच गई है. जिसमें 3 नर और 8 मादाओं का समावेश है. इस व्याघ्र प्रकल्प में बाघों की संख्या 12 पर पहुंच जाने से इस व्याघ्र प्रकल्प ने महाराष्ट्र के व्याघ्र प्रकल्प में चौथे स्थान पर अपना नाम दर्ज किया है. बाघों की संख्या बढ़ जाने से नवेगांव-नागझिरा रिजर्व की रौनक बढ़ गई है. बाघों के दर्शन करने के लिए टुरिस्ट भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे है.
नवेगांव-नागझिरा टायगर रिजर्व राज्य में चौथा
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